पश्चिम बंगाल में बड़ा परिवर्तन होता नजर आ रहा है. भारतीय जनता पार्टी विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान जिस तरह के दावे कर रही थी, उसी तर्ज पर एग्जिट पोल के नतीजे आ रहे हैं. इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया के एग्जट पोल में बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के बीच बंगाल में कांटे की टक्कर नजर आ रही है. अगर इसी तरह के चुनावी रिजल्ट 2 मई को आते हैं तो बंगाल पर एकछत्र राज करने वाली ममता बनर्जी के लिए ये बड़ा झटका साबित होगा.
हालांकि, मुख्यमंत्री पद की बात की जाए ममता बनर्जी अब भी बंगाल की जनता की सबसे पहली पसंद बनी हुई हैं. उनके सामने दूर-दूर तक कोई नेता नजर नहीं आ रहा है. एग्जिट पोल के हिसाब से 43% लोग फिर एक बार ममता बनर्जी को बंगाल की मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं.
मुख्यमंत्री के लिए कौन कितना पसंद?
एग्जिट पोल के ये अनुमान बता रहे हैं कि बंगाल की जनता के बीच ममता बनर्जी जितनी लोकप्रिय हैं, उनकी टक्कर पर फिलहाल कोई दूर-दूर तक नहीं है. ममता 10 साल से बंगाल की सीएम हैं, वो स्ट्रीट फाइटर मानी जाती हैं. उनकी ये छवि एग्जिट पोल के अनुमान में भी झलक रही है. एक तरफ जहां उनकी पार्टी सीटों के लिहाज से काफी नुकसान में नजर आ रही है, वहीं ममता बनर्जी का दबदबा बना हुआ है.
दूसरी तरफ बीजेपी की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष सबसे ऊपर हैं, उन्हें 6% लोग सीएम पद पर देखना चाहते हैं. जबकि शुभेंदु अधिकारी के अलावा मिथुन चक्रवर्ती और बाबुल सुप्रियो जैसे बीजेपी के बड़े चेहरे भी काफी पीछे हैं. हालांकि, बीजेपी से कोई भी नेता को चुनने वालों का प्रतिशत काफी ज्यादा है, 26 % लोग ऐसे हैं जो ये चाहते हैं कि बीजेपी से कोई भी चेहरा आ जाए वो उसे सीएम के तौर पर स्वीकार करेंगे.
इसका मतलब ये हुआ कि अगर बंगाल में बीजेपी की सरकार बनती है तो पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व जिस नेता को सीएम बनाना चाहे लोग उसे स्वीकार करने को राजी हैं.
बता दें कि बंगाल में बीजेपी ने किसी भी नेता को सीएम पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया है. हालांकि, टीएमसी ने बार-बार इस मुद्दे को उठाया है और बीजेपी को ममता के सामने चेहरा देने की चुनौती दी है, मगर बीजेपी ने बिना किसी उम्मीदवार के ही पूरा चुनाव लड़ा. एग्जिट पोल के अनुमान में बीजेपी की तरफ से किसी चेहरे को प्रमुखता नहीं दी गई है.