पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस (TMC) बागियों से परेशान है. एक के बाद एक टीएमसी नेता पार्टी को अलविदा कह बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. इस बीच टीएमसी विधायक अरिंदम भट्टाचार्य भी भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए हैं. दिल्ली में बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने उनको पार्टी की सदस्यता दिलाई.
दरअसल, बीते कुछ समय में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी से कई नेता बीजेपी में शामिल हुए हैं. ऐसे में एक और टीएमसी विधायक अरिंदम भट्टाचार्य के बीजेपी मे जाने से सीएम ममता की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. नादिया के शांतिपुर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक अरिंदम भट्टाचार्य ने आज दिल्ली में बीजेपी महासचिव और बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय से मुलाकात की. इसके बाद वे बीजेपी में आधिकारिक रूप से शामिल हो गए.
बता दें कि भट्टाचार्य ने कांग्रेस के टिकट पर शांतिपुर सीट जीती थी, लेकिन बाद में (2017) वो टीएमसी में शामिल हो गए. इस मसले पर अरिंदम ने आज कहा कि, '' मैं कांग्रेस के सिंबल पर चुना गया था लेकिन टीएमसी को समर्थन दिया ताकि विकास हो जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. ''
हाल ही में ममता सरकार में मंत्री लक्ष्मी रतन शुक्ला ने अपने पद से इस्तीफा दिया था. बाद में विधायक वैशाली डालमिया ने भी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. वैशाली का कहना है कि भ्रष्टाचार के कारण टीएमसी को नुकसान हो रहा है, जमीन पर भ्रष्टाचार पार्टी को दीमक की तरह खत्म कर रहा है. बीते दिनों ही टीएमसी सांसद शताब्दी रॉय ने भी बगावती तेवर दिखाए थे, हालांकि बाद में उन्हें मना लिया गया था.
वैसे तो टीएमसी से कई नेता बीजेपी में आए हैं, लेकिन पिछले कुछ महीने से सबसे ज्यादा चर्चा में बने हुए हैं शुभेंदु अधिकारी. सीएम ममता के करीबी रहे शुभेंदु 2016 से नंदीग्राम के विधायक हैं. बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया.
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में इस साल ही विधानसभा चुनाव होना है. ऐसे में बीजेपी और टीएमसी के बीच की जंग बढ़ती जा रही है. टीएमसी को पिछले कुछ दिनों में बड़े झटके लगे हैं, पहले शुभेंदु अधिकारी ने पार्टी का दामन छोड़ा. उसके बाद अन्य कई विधायकों और नेताओं ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. ऐसे में एक और विधायक के बीजेपी में जाने की अटकलों ने टीएमसी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.