पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के कथित ऑडियो टेप पर सियासी घमासान जारी है. बीजेपी और टीएमसी (TMC) के बीच इसको लेकर तीखी बयानबाजी देखने को मिल रही है. ऐसे में अब TMC ने इस मामले को लेकर बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी को पत्र लिखा है. जिसमें कहा गया कि वोटिंग से एक दिन पहले जानबूझकर ऑडियो वायरल किया गया है. यह ममता बनर्जी और पार्थ प्रतिम रे की निजता का उल्लंघन है.
वहीं, बीजेपी का कहना है कि ऑडियो टेप ममता बनर्जी की पार्टी के नेता द्वारा जानबूझकर वायरल किया गया है. जिसका इरादा धार्मिक आधार पर एक विशेष समुदाय के वोटों का ध्रुवीकरण करके उनके राजनीतिक हित को सुरक्षित करना है.
बता दें कि शुक्रवार को बंगाल में मतदान के दिन ममता बनर्जी के कथित ऑडियो को लेकर सियासी पारा हाई रहा. टीएमसी ने ममता बनर्जी और पार्थ के टेप को लेकर चुनाव आयोग को पत्र लिखा. टीएमसी ने चुनाव आयोग को लिखे शिकायती पत्र में कहा है कि बीजेपी के इशारे पर रिकॉर्डिंग की गई है. यह कई एक्ट में अपराध है.
उधर ममता बनर्जी के टेप मामले को लेकर आक्रामक बीजेपी ने इस मामले की एसआईटी जांच कराने की मांग की है. बीजेपी ने आरोप लगाया कि अपने राजनीतिक हित साधने के लिए, धार्मिक आधार पर एक समुदाय के वोट प्राप्त करने के लिए जानबूझकर ऑडियो वायरल किया गया. इसकी एसआईटी जांच होनी चाहिए.
गौरतलब है कि बीजेपी ने दावा किया है कि ऑडियो टेप में कथित तौर पर ममता बनर्जी और सीतलकुची के TMC उम्मीदवार पार्थ प्रतिम रे की आवाज है. इस टेप में कथित तौर पर सीतलकुची में फायरिंग के दौरान मारे गए लोगों का जिक्र है.
हालांकि, TMC ने इस ऑडियो क्लिप को फर्जी बताते हुए कहा कि इस तरह की कोई बातचीत कभी नहीं हुई. जबकि BJP की IT सेल के चीफ अमित मालवीय ने क्लिप जारी करते हुए आरोप लगाया कि ममता बनर्जी दंगा भड़काने की कोशिश कर रही थीं.