पांचवें दौर में उत्तर बंगाल के उन तीन ज़िलों की 13 सीटें भी हैं जहां के लोगों के दिल में गोरखालैंड धड़कता है. ये ऐसा मुद्दा है जिसे न तो देश के सबसे लंबे समय तक रहने वाले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू हल कर पाए न बंगाल में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे ज्योति बसु सुलझा पाए, न ममता बनर्जी और न ही अभी तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. बंगाल के चुनाव चल रहे हैं, जीत हार की बाज़ी उसी उत्तर बंगाल में खेली जानी है, जहां से गोरखालैंड की मांग उठती रही है. गोरखालैंड एक बार फिर से चर्चाओं में है. लेकिन इस बार हर बार से बिल्कुल अलग रूप में. देखें ये रिपोर्ट.