मिथुन चक्रवर्ती ने बंगाल की जनता के दिलों पर बरसों बरस राज किया और एक दिन वो टीएमसी के हो गए. टीएमसी ने मिथुन को राज्यसभा का सांसद बनाया, मगर मिथुन को राजनीति रास नहीं आई और अपना कार्यकाल खत्म होने से पहले ही मिथुन ने संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और कुछ दिनों बाद टीएमसी को भी अलविदा कह दिया. अब एक बार फिर मिथुन का नाम बंगाल की सियासत में गूंजा है. सवाल उठने लगे हैं कि क्या बीजेपी को बंगाल में जिस चेहरे की तलाश थी, वो मिथुन ही हैं?