इस बार बाढ़ के कीचड़ में फंस सकता है बिहार का चुनावी समीकरण. बिहार में चुनाव की तारीख घोषित हो चुकी है. कोरोना और बाढ़ के कारण राज्य में बूथों की संख्या दोगुनी कर दी गई है. लेकिन पानी में डूबे करीब 2000 बूथ इस बार चुनाव में बड़ी मुसीबत बन सकते हैं. क्योंकि 20 जुलाई के बाद आई बाढ़ के बाद से ही यहां पानी ठहरा हुआ है. 3 व 7 नवंबर तारीख को मतदान होने हैं. तब तक पानी शायद कम भी हो जाए, लेकिन उसके बाद की कीचड़ एक बड़ी समस्या होगी. जो चुनाव का हिसाब-किताब बिगाड़ सकती है.
कोरोना के कारण बिहार में बूथों की संख्या में 62.96% की वृद्धि हुई है. 2015 में 65,367 बूथ थे जो अब बढ़कर 1,06,526 हो गई हैं. चुनाव आयोग ने 10 जिलों में चुनाव दो दिन या दो फेज में कराने का फैसला लिया है. लेकिन इनमें बाढ़ की चपेट में आए 5 जिले भी शामिल हैं. जबकि तबाही 16 जिलों में मची थी. इन 16 जिलों के 2000 से अधिक बूथों पर आज भी कमर तक पानी है. 1000 मतदाता पर इस बार बूथ बने हैं यानी समस्या 20 लाख वोटरों की है. बाढ़ग्रस्त जिलों में दूसरे व तीसरे फेज को मतदान है. 30 दिन में बूथों पर जमा पानी निकल भी गया तो कीचड़ से निपटना बड़ी चुनौती होगी.
बाढ़ प्रभावित 16 जिलों में 7 सीतामढ़ी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, पूर्वी व पश्चिमी चंपारण, समस्तीपुर, मधुबनी में दो फेज (दूसरे व तीसरे) में चुनाव होगा. शेष 9 जिलों में से शिवहर, गोपालगंज, खगड़िया, सारण व सिवान में दूसरे चरण में एक ही दिन और सुपौल, किशनगंज, मधेपुरा और सहरसा में तीसरे चरण में एक दिन में चुनाव होगा.
बागमती और गंडक में ऊफान से औराई एवं साहेबगंज विधानसभा क्षेत्र के करीब 3 दर्जन से अधिक मतदान केंद्र बाढ़ के पानी में घिरे हैं. औराई विधानसभा क्षेत्र के 12 मतदान भवन में स्थित दो दर्जन बूथ बाढ़ के पानी में डूबे हैं. इसमें कटरा के 7 मतदान भवन के 15 बूथ और औराई के पांच मतदान भवन के 9 बूथ बाढ़ के पानी से घिरे हैं. साहेबगंज विस के भी 15 मतदान केंद्र बाढ़ के पानी से घिरे हैं.
खगड़िया जिले के तीन प्रखंडों के 84 मतदान केंद्र बाढ़ प्रभावित हैं. बकौल डीएम आलोक रंजन घोष अलौली में 27, बेलदौर में 53 और खगड़िया विधानसभा क्षेत्र के 4 बूथ पानी से घिरे हैं. यहां वोटरों को लाने और ले जाने की व्यवस्था प्रशासन की ओर से सुनिश्चित की गई है. समय के हिसाब से पानी उतर सकता है. लेकिन अभी नदियों के जलस्तर में उतार चढ़ाव जारी है.
कटिहार के 1320 बूथ बाढ़ प्रभावित हैं. कटिहार विधानसभा क्षेत्र में 50, कदवा के करीब 370, बलरामपुर के 200, प्राणपुर के 10, मनिहारी के 230, बरारी के 210 और कोढ़ा के 250 बूथों पर अभी भी पानी गहरा है. दरभंगा में 47 बूथ बाढ प्रभावित हैं. यह जानकारी जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी पुष्कर कुमार ने दी. उन्होंने बताया कि इसमें से अधिकांश बूथ गौडाबौराम एवं कुशेश्वर स्थान विधान सभा क्षेत्र के हैं. हनुमाननगर प्रखंड क्षेत्र के 13 बूथ बाढ प्रभावित हैं.
अररिया जिले में 7 नवंबर को मतदान होगा. तीन प्रखंडों सिकटी, पलासी, जोकीहाट के 70% बूथ अभी पानी से घिरे हैं. अररिया और फारबिसगंज के 20% बूथों पर पानी है. जिले के 200-250 बूथ पानी से घिरे हैं. पूर्णिया के महानंदा, कनकई और परमान में उफान से बायसी, बैसा और अमौर में जलजमाव की समस्या बनी हुई है.
सहरसा जिले के 211 बूथ बाढ़ प्रभावित कोसी तटबंध के अंदर हैं. जिलाधिकारी कौशल कुमार ने बताया कि मतदान 7 नवंबर को है. तब तक पानी उतर जाएगा लेकिन तटबंध के भीतर 70 ऐसे बूथ होंगे जहां पहुंचने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ेगा. वहीं, मधेपुरा जिले के जिले के 13 प्रखंडों में 2 बाढ़ग्रस्त हैं. चौसा के 9 बूथ और आलमनगर के 14 बूथ पानी से घिरे हैं.
लखीसराय जिले के 55 बूथ बाढ़ग्रस्त हैं. पिपरिया प्रखंड के 37, सूर्यगढ़ा के 10 और लखीसराय टाल क्षेत्र के 8 बूथ डूब क्षेत्र में हैं. यहां वोट पहले चरण में पड़ेंगे. प्रशासन का दावा है कि मतदान के दिन तक सब ठीक हो जाएगा. तब तक पानी उतर जाएगा. तैयारी पूरी हो जाएगी.