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बिहार विधानसभा चुनाव

जब पटना की चुनावी रैली में अटल बिहारी वाजपेयी ने जनता से पूछा- मेरा किसलय कहां है?

अटल बिहारी वाजपेयी (फाइल फोटो)
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बिहार की राजनीति में वर्ष 2005 का विधानसभा चुनाव एक बड़े बदलाव का पर्याय माना जाता है. ये वही साल था जब 15 साल के लालू-राबड़ी राज का अंत हुआ था और नीतीश राज की शुरूआत हुई थी. हालांकि बिहार के लोग उस वक्‍त तक ये मान ही बैठे थे कि जब तक समोसे में आलू रहेगा तब तक बिहार में लालू रहेगा. मतलब की लालू के राज का अंत या परिवर्तन की उम्‍मीद न के बराबर थी. लेकिन इसी वर्ष बिहार में चुनावी हलहल तेज हो गई थी. 

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी (फाइल फोटो)
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बीजेपी और जेडीयू गठबंधन के पक्ष में चुनावी रैली करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पटना के गांधी मैदान पहुंचे थे. यहां उन्‍होंने वोट मांगने की अपील के बजाय गंभीरता के साथ जनता से एक सवाल पूछा. एक ऐसा सवाल जिसने वहां मौजूद लाखों की भीड़ को अंदर तक झकझोर दिया. इस सवाल की गूंज इतनी गहरी थी कि बिहार का शासन-प्रशासन हिल गया. माना जाता है कि वाजपेयी के एक सवाल ने बिहार की जनता को इतनी गहराई तक झकझोरा कि उस चुनाव में जनादेश बीजेपी-जेडीयू गठबंधन के पक्ष में चला गया. फिर लालू राज का अंत हुआ.  

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी (फाइल फोटो आजतक)
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अटल बिहारी वाजपेयी ने मंच पर अपने भाषण की शुरूआत ही सवाल से की. उन्‍होंने वहां मौजूद ऐतिहासिक भीड़ से पूछा, कहां है मेरा किसलय, कोई मेरे किसलय को लौटा दे. वाजपेयी का ये सवाल हो सकता है आपको अभी समझ नहीं आए लेकिन 27 जनवरी 2005 के दिन पटना गांधी मैदान में उमड़ी लाखों की भीड़ को ये बताने की जरूरत नहीं थी कि वाजपेयी किस किसलय की बात बात कर रहे हैं. किसलय को 19 जनवरी 2005 को स्कूल जाते समय कुछ अज्ञात अपराधियों ने अगवा कर लिया था. 

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 पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी (फोटो आजतक)
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उनका ये सवाल हजारों अभिभावकों के अचेतन मन के उस भय को छू गया, जिसको वह अपने दिलो दिमाग में लाना नहीं चाहते थे. क्‍योंकि कोई भी माता-पिता अपने बच्‍चे के बारे में कभी किसी अनहोनी का ख्याल भी नहीं लाना चाहता. 
 

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी (फोटो आजतक)
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वाजपेयी ने चुनावी सभा में बिहार के हालात की भी चर्चा की और लोगों से किसलय को वापस लाने की अपील की. इस अपील का नतीजा ये हुआ कि स्‍कूली बच्‍चे भी किसलय की सुरक्षित वापसी का अभियान चलाने लगे. हजारों स्‍कूली बच्‍चों ने राष्‍ट्रपति को पत्र भेजकर किसलय की सुरक्षित वापसी के लिए गुहार लगाई थी. कुछ बच्‍चों ने पुलिस की सुस्‍ती के विरोध में लंच बाक्‍स का बहिष्‍कार शुरू किया और लंच टाइम में उन्‍होंने भोजन करना बंद कर दिया. 

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी (फाइनल फोटो)
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पटना और राज्‍य के कई सामाजिक संगठन भी इस मुद्दे को लेकर आंदोलन करने लगे थे. पुलिस और शासन जबरदस्‍त दबाव में था. राष्‍ट्रपति ने भी इस घटना का संज्ञान लिया और पटना के तत्‍कालीन एसएसपी नैयर हसनैन खान को रोजाना शाम के वक्‍त गर्वनर हाउस में उपस्थित होकर अपनी कार्रवाई की रिपोर्ट राष्‍ट्रपति को भेजनी पड़ती थी. 
 

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी (फाइनल फोटो)
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पूरे राज्‍य में किसलय की वापसी के लिए शुरू हुए आंदोलन के दबाव का ही असर था कि वाजपेयी की जनसभा के करीब 10 दिन बाद किसलय को समस्‍तीपुर के एक गांव से पुलिस सुरक्षित ले आई. उसकी बरामदगी के दौरान हुए एनकाउंटर में अपहरणकर्ता मारे गए. 

CM Nitish Kumar (Photo PTI)
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किसलय की वापसी भी तत्‍कालीन राज्‍य सरकार को नहीं बचा सकी और जनता ने जंगलराज के खिलाफ जमकर मतदान किया. बीजेपी गठबंधन के नीतीश कुमार सुशासन के वादे के साथ सत्ता में आए और अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाकर प्रदेश को काफी हद तक अपराध मुक्‍त किया. इसी वजह से उन्‍हें सुशासन बाबू भी कहा जाता है.

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