कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी के दौर में बिहार में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. पहले चरण के चुनाव के लिए 16 जिलों के 71 विधानसभा सीटों पर वोटिंग शुरू हो चुकी है और कोरोना के बावजूद बिहार के लोगों में वोटिंग को लेकर गजब का उत्साह नजर आ रहा है.
कोरोना वायरस ने वोटिंग के तौर-तरीकों को थोड़ा बदल जरूर दिया है लेकिन लोगों के उत्साह में कोई कमी नहीं है. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लोग अपनी बारी का इंतजार करते हुए नजर आ रहे हैं. संक्रमण फैलने की आशंका के बावजूद लोग वोट डालने के लिए घरों से अगर बाहर निकल रहे हैं तो उसकी एक मात्र वजह चुनाव आयोग की खास तैयारी है.
कोरोना के इस दौर में लोगों और चुनाव कर्मियों को संक्रमण से बचाने के लिए चुनाव आयोग ने विशेष तैयारी की है. पोलिंग बूथ पर उसे ही प्रवेश करने दिया जा रहा जिन्होंने मास्क पहना है. इतना ही नहीं वोट डालने से पहले चुनाव कर्मी द्वारा हर व्यक्ति के शरीर का तापमान मापा जा रहा है और हाथों को सैनिटाइज करवाया जा रहा है.
चुनाव कर्मियों को भी संक्रमण से बचाने के लिए चुनाव आयोग ने उनके लिए पीपीई किट की व्यवस्था की है. पीपीई किट पहनकर चुनावकर्मी ड्यूटी कर रहे हैं.
संक्रमण फैलने की आशंका को देखते हुए इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में आयोग ने बूथों पर मतदाताओं की संख्या कम रखने की व्यवस्था की है. इसके लिए बूथों की संख्या बढ़ाई गई है. एक बूथ पर अधिकतम 1000 मतदाता ही होंगे. पहले यह सीमा 1500 मतदाताओं की थी.
कोरोना काल में चुनाव के दौरान दिव्यांगों, 80 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, जरूरी सेवाओं में जुटे कर्मचारियों और कोरोना संक्रमितों के अलावा संभावित लोगों को पोस्टल बैलेट से मतदान की सुविधा दी गई है.