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बिहार विधानसभा चुनाव

Vaishali: रघुवंश बाबू को अपना बताने की होड़, किसी ने सिर मुंडवाया तो कोई कह रहा मंदिर बनाएंगे

रघुवंश बाबू
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बिहार के समाजवादी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह का बीते दिनों निधन हो गया था. अब रघुवंश बाबू की तैयार की गई राजनीतिक जमीन पर वोट की फसल काटने के लिए पार्टियों और नेताओं में होड़ लगी है. कोई सिर मुंडवा रहा है तो किसी ने मूर्ति लगाने का दावा किया. कोई जमीन दान कर रहा है, तो किसी ने रघुवंश प्रसाद सिंह का मंदिर बनवाने का दावा कर दिया. सभी पार्टियां और नेता रघुवंश प्रसाद सिंह को अपना बताने में जुटे हैं. होड़ लगे भी तो क्यों ना बिहार में चुनावी मौसम जो चल रहा है. (इनपुट - संदीप आनंद )

रघुवंश बाबू
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वैशाली जिले के भगवानपुर में आरजेडी समर्थक ने रघुवंश प्रसाद सिंह को अपना बताने की जिद में अपना सर मुंडवा लिया. दावा किया कि रघुवंश प्रसाद सिंह आरजेडी के लिए समर्पित थे. कार्यकर्ताओं को अपना बेटा मानते थे. मैं उनका धर्म का बेटा हूं, इसलिए सिर मुंडवाया है. उनका श्राद्ध करके नाई को जमीन भी दान की है.

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वैशाली के लालगंज में एलजेपी के प्रत्याशी विनोद पंजियार ने रघुवंश प्रसाद सिंह की याद में भव्य आयोजन किया. यज्ञ और हवन का कार्यक्रम रखा. सैकड़ों लोगों की भीड़ इकट्ठा की. इलाके के तमाम नेताओं को बुलाया. विनोद पंजियार ने रघुवंश प्रसाद सिंह को अपने और पार्टी के करीबी होने के दावे के साथ इलाके में उनका मंदिर बनवाने का और मूर्ति लगवाने का ऐलान किया है. 

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रघुवंश बाबू
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नेताजी ने सफाई दी की कार्यक्रम चुनावी फायदे और वोट के समीकरण के लिए नहीं है. दरअसल रघुवंश बाबू उनके ही नेता थे. वह तो रघुवंश प्रसाद सिंह के दत्तक पुत्र हैं. चुनावी माहौल में क्रेडिट लेने की ऐसी होड़ मची हो तो कोई भला पीछे कैसे छूट जाए. ऐसे ही एक कार्यक्रम में पहुंचे बिहार के सीएम नीतीश कुमार के करीबी और एमएलसी देवेश चंद्र ठाकुर ने अपनी दावेदारी भी ठोक दी. 

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कार्यक्रम में पहुंचे देवेश चंद्र ठाकुर ने कह दिया के रघुवंश प्रसाद सिंह के असली कद्रदान तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही हैं. उनके निधन के तुरंत बाद नीतीशजी ने रघुवंश प्रसाद सिंह की इच्छाओं पर अमल करना शुरू कर दिया है.
 

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