बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे के चुनाव को लेकर राज्य की राजनीति में एक अलग मोड़ आ गया है. इस बीच बक्सर जिले में उनके पैतृक गांव गेरुवा बान में खुशी की लहर है. पूर्व डीजीपी की मां गुलरिया देवी कहती हैं कि वो अपने बेटे के फैसले पर खुश हैं. उनके बेटे ने गरीबों की मदद की है. गांव में जब भी आता है, लोग उसे घेर लेते हैं. वह सब की मदद करता है. उसकी कई गरीब परिवार की बेटियों की शादियां भी कराई हैं. (रिपोर्टः पुष्पेंद्र पांडेय)
बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने वीआरएस लेकर बिहार चुनाव का गियर ही बदल दिया है. चुनाव लड़ने का कयास तो पहले ही लगा लिया गया था. अब बेटे के चुनाव मैदान में उतरने की बातों के बीच डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे की मां का बयान बिहार चुनाव को नया रंग दे रहा है.
डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे की मां गुलरिया देवी ने अपने बेटे का पक्ष लेते हुए कहा कि मेरा बेटा गरीबों का मसीहा है. जब भी गांव आता है गरीबों की मदद करता है. गरीबों की बेटियों की शादी कराता है. गरीबों का दुलारा है. मां ने कहा मेरे तीन बेटे हैं. उसमें गुप्तेश्वर पांडे जब भी गांव में आते हैं तो अपने हाथों से अपने यहां काम करने वालों या गांव के गरीबों को कपड़ा देता है. अन्य तरह की मदद करता है.
गांव गेरुआ बान के रहने वाले राम नारायण पांडे ने कहा कि अगर वो चुनाव में आते हैं तो हम लोग उनका स्वागत करेंगे, क्योंकि वो हमारे गांव के हीरो हैं. वो लड़कियों की शादी कराते हैं. लोगों के दुख-सुख में शामिल होते हैं. गांव की अनेक समस्याओं का समाधान करते हैं. ऐसे में अगर वह चुनाव में आते हैं तो वह स्वागत योग्य है.