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बिहार विधानसभा चुनाव

Muzaffarpur: ये महिला प्रत्‍याशी जीती तो एक ही परिवार में होंगे सांसद, विधायक और एमएलसी

कोमल सिंह टिकट मिलने के बाद चर्चा में हैं
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शिक्षा- एमबीए, उम्र- 27 साल, पिता- एमएलसी, मां- सांसद, वार्षिक आय- 7.94 करोड़, देनदारी- 30 लाख रुपये का बैंक लोन. आप सोच रहे होंगे कि ये किसकी प्रोफाइल है जो इतनी हाईप्रोफाइल है. ये डिटेल बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार एलजेपी की उम्‍मीदवार कोमल सिंह की है. नामांकन के साथ चर्चा में आई कोमल मुजफ्फरपुर जिले के गायघाट सीट से चुनाव मैदान में हैं. 

कोमल सिंह टिकट मिलने के बाद चर्चा में हैं
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दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव में कोमल सिंह टिकट मिलने के बाद चर्चा में आई हैं. कई ऐसी चीजें हैं जो इन्‍हें अलग बनाती हैं. जैसे कि इनकी उम्र और कमाई. जबकि इनका फैमिली बैकग्राउंड और भी दिलचस्‍प है. कोमल के माता-पिता दोनों ही जनप्रतिनिधि हैं. मां वीणा देवी वैशाली सीट से एलजेपी की सांसद हैं. 2019 के चुनाव में उन्‍होंने रघुवंश प्रसाद सिंह को हरा कर सबका ध्‍यान खींचा था. पिता जनता दल यूनाइटेड कोटे से विधान परिषद सदस्‍य हैं. यदि कोमल गायघाट सीट से जीत हासिल करती हैं तो उनके घर में एक ही छत के नीचे सांसद, विधायक और एमएलसी होंगे जो कि बिहार में एक नई तरह का रिकॉर्ड होगा.

कोमल सिंह टिकट मिलने के बाद चर्चा में हैं
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कोमल सिंह की वार्षिक आमदनी किसी को भी हैरान कर सकती है, जो कि करीब 8 करोड़ रुपये सालाना है. चुनावी एफ‍िडेविट के अनुसार कोमल एमबीए करने के बाद प्राइवेट कंपनी में जॉब करती हैं. सैलरी के अलावा इनकी आमदनी का मुख्‍य स्रोत इन्‍वेस्‍टमेंट से मिलने वाला रिटर्न और प्रॉपर्टी से मिलने वाला रेंट है. कोमल ने शेयर मार्केट में बड़ी धनराशि इन्‍वेस्‍ट कर रखी है. चल-अचल सम्‍पत्ति के मामले में कोमल बिहार के अमीर प्रत्‍याशियों में से एक हैं. 

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कोमल सिंह टिकट मिलने के बाद चर्चा में हैं
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गायघाट सीट पर कोमल का मुकाबला इस बार आरजेडी के विधायक महेश्‍वर यादव से है जो जेडीयू के टिकट पर इस बार मैदान में आए हैं. महेश्‍वर ने ये सीट 2015 के चुनाव में बीजेपी प्रत्‍याशी रहीं कोमल की मां वीणा देवी को हरा कर जीती थी.

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2010 के विधानसभा चुनाव में वीणा देवी बीजेपी के टिकट पर महेश्‍वर को हरा कर विधायक रह चुकी हैं. 2015 में विधानसभा सीट हारने के बाद वह एलजेपी के टिकट से लोकसभा चुनाव लड़ीं और जीत हासिल की. आरजेडी ने इस सीट पर नंदकुमार राय को अपना प्रत्‍याशी बनाया है.

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