बिहार के चुनावी दंगल में एनडीए के ही घटक दल आपस में ताल ठोकते नजर आ रहे हैं. इन चुनावों में जनता दल (यू) के सीएम नीतीश कुमार के सामने
चिराग पासवान उभरते हुए राजनीति के सितारे नजर आ रहे हैं. वे पहले ही बिहार की सभी 243 सीटों पर चिराग चुनाव लड़ने की बात कह चुके हैं. ऐसे में बिहार केचुनावी दंगल में राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल (यूनाइटेड), कांग्रेस, बीजेपी के साथ लोजपा भी शामिल होकर पंचकोणीय मुकाबले की इबारत लिख रहे हैं.
जेडीयू और नीतीश कुमार को लेकर लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के बीच शब्द बाणों से एक-दूसरे से हमला हो रहा है. चिराग ने पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में स्पष्ट कर दिया कि वे आगे भी राज्यहित के मुद्दे उठाते रहेंगे, अब इसे कोई आलोचना समझ ले तो उन्हें कुछ नहीं कहना.
लोक जनशक्ति पार्टी की दूसरी पीढ़ी की अगुवाई कर रहे चिराग पासवान बिहार की राजनीति में चिर परिचित नाम हो गए हैं. राजनीति में उनकी पहचान राम विलास पासवान के 'चिराग' के रूप में है.
वैसे चिराग ने एक अलग पहचान बनाने की कोशिश की थी. बॉलीवुड में बतौर एक्टर, लेकिन वह फ्लॉप हुए. फ्लॉप ऐसे की एक ही फिल्म के बाद वह बॉलीवुड को छोड़कर राजनीति में चले आए. राजनीति में आते ही वह सांसद बने.
राम विलास पासवान की दूसरी पत्नी रीना पासवान के बेटे चिराग का जन्म 31 अक्टूबर 1982 को बिहार के खगड़िया में हुआ. चिराग ने नई दिल्ली के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग से 10वीं और 12वीं की पढ़ाई की.
इसके बाद वह बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी से कम्प्यूटर साइंस में बीटेक करने पहुंचे, लेकिन यहां उन्होंने तीसरे सेमेस्टर तक की ही पढ़ाई की. बीटेक की पढ़ाई बीच में छोड़ने के बाद चिराग पासवान मुंबई निकल गए. यहां वह फिल्मों में अपना करिअर बनाना चाहते थे.
2011 में उनकी फिल्म आई 'मिले न मिले हम'. तनवीर खान की इस फिल्म में चिराग के अलावा कंगना रनौत, नीरु बाजवा, सागरिका घाटगे थे. इस
फिल्म में चिराग का श्वेता तिवारी के साथ एक आइटम नंबर भी था.
बॉक्स ऑफिस पर फिल्म बुरी तरह फ्लॉप हुई. इसके साथ ही चिराग पासवान का बॉलीवुड का सफर भी थम गया. बॉलीवुड से लौटकर चिराग अपने पिता
राम विलास पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी का काम देखने लगे.
2014 का चुनाव सिर पर था. राम विलास पासवान फैसला नहीं कर पा रहे थे कि वह यूपीए के साथ जाएं या एनडीए के साथ. माना जाता है कि चिराग पासवान ने एनडीए का हिस्सा बनने की सलाह दी. एनडीए से गठबंधन के बाद लोजपा बिहार की 7 सीटों पर लड़ी. खुद चिराग जमुई लोकसभा सीट से लड़े. लोजपा 6 सीटों पर जीतने में कामयाब रही. इसमें जमुई की भी सीट थी, जहां से चुनाव मैदान में चिराग थे.