बिहार के गोपालगंज जिले में मतदाताओं की राह आसान नहीं है. मतदान केंद्र के रास्ते में उनका इंतजार कर रहे हैं टूटे और जर्जर रास्ते. यहां तक कि मतदान केंद्र के चारों तरफ पानी भरा है. पोलिंग पार्टियों के लिए भी चुनौती है. गोपालगंज के बैकुंठपुर विधानसभा सीट के विशुनपुरा पोलिंग स्टेशन के चारों तरफ तालाब बन गया है. (इनपुट- सुनील कुमार तिवारी)
तालाब बने मतदान केंद्रों पर ये पोलिंग पार्टियां कैसे वोटिंग कराएंगी. मतदान का समय नजदीक आता जा रहा है, लेकिन प्रशासन ने अभी तक कोई व्यवस्था नहीं कराई है. विशुनपुरा मुख्य मार्ग जर्जर हालत में है. यहां से किसी वाहन का निकलना तो दूर, लोग पैदल भी नहीं चल सकते हैं. सड़क के गहरे गढ्डे हादसों को दावत देते नजर आते हैं.
आलम ये है कि बरौली, सिवान, गोरेयाकोठी, बड़हरिया और गोपालगंज जाने के लिए यहां लोगों को सोचना पड़ता है. दूसरी तरफ राजकीय प्राथमिक कन्या विद्यालय को बाढ़ के पानी ने चारों ओर से घेर लिया है. कोरोना के चलते स्कूल बंद हैं, लेकिन शिक्षकों को स्कूल आना पड़ता है.
तालाब बने स्कूल में शिक्षक कैसे ड्यूटी करें. इस स्कूल को मतदान केन्द्र बनाया गया है. मतदान का समय नजदीक आ रहा है, ऐसे में यदि इस स्कूल में ऐसे ही हालत रहे, तो वोटिंग कैसे कराई जा सकेगी? चुनावी की तैयारियों में लगे प्रशासन की इस ओर नजर नहीं है.
विद्यालय के प्रधानाध्यापक उमेश कुमार और शिक्षिका अर्चना कुमारी ने बताया कि यहां मतदान केन्द्र तो बना दिया गया है, लेकिन बाढ़ के पानी से तालाब बने इस स्कूल में मतदान कराना संभव नहीं है. वहीं अभी तक प्रशासन की ओर से भी मतदान केन्द्र की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए किसी प्रकार की कार्रवाई शुरू नहीं की गई है.