बिहार के गोपालगंज जिले में बाढ़ की विनाशलीला ने सब्जी की खेती करने वाले किसानों को बर्बाद कर दिया है. जिले के बरौली, सिधवलिया और बैकुंठपुर सहित माझा प्रखंड के सैकड़ों गांव में बाढ़ ने जमकर तबाही मचाई है. यहां के ग्रामीण लॉकडाउन में पहले ही कम दाम पर सब्जी बेचने को मजबूर थे, वहीं अब बाढ़ से बर्बाद हुई सब्जी की फसल से इन पर दोहरी चोट लगी है. आजीविका चलाने के लिए अब ये लोग मछली पकड़कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं. (इनपुट-सुनील कुमार तिवारी)
बरौली और सिधवलिया प्रखंड के अधिकांश क्षेत्रों में लोग सब्जी की खेती कर जीवन यापन करते हैं. लॉकडाउन में सब्जी की बिक्री बेहद कम हुई, जिससे इन लोगों को बड़ी निराशा हाथ लगी. इन लोगों ने बताया कि लागत मूल्य पर सब्जियां बेचकर किसी तरह परिवार का पालन पोषण कर रहे थे, लेकिन बाढ़ ने सब्जियों की फसल को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है.
दोहरी मार झेल रहे सब्जी की खेती और बिक्री के धंधे से जुड़े लोग अपनी बेबसी पर रो रहे हैं. इनके घर के बच्चे जहां खेतों में हाथ चलाते और सिर पर टोकरी लिए बाजार में जाते थे. वो आजकल बाढ़ के पानी के पास बैठकर मछलियां पकड़ रहे हैं.
घेंघा खा रहे बच्चे
फसल बर्बाद होने से रोजी रोटी का ही नहीं बल्कि खाने पीने का भी इन परिवारों के सामने बड़ा संकट है. यही कारण है कि कई बच्चे और युवक अपने खेतों में मौजूद पानी से घेंघा चुनकर सब्जी की जगह इसे खाने के लिए मजबूर हैं. बरौली,गोपालगंज के रहने वाले असम महतो ने बताया कि सब्जी की खेती बाढ़ के पानी में डूब कर खत्म हो गई है. अब सब्जी की जगह बाढ़ के पानी से मछली मारकर काम चला रहे हैं. वहीं, अभिषेक कुमार ने बताया कि सब्जी नहीं है. सुबह से शाम तक करीब दो किलो मछली मार लेते हैं, उससे ही काम चल रहा है. गोपालगंज माझा निवासी मोतीचंद ने बताया कि सब्जी के स्थान पर घेंघा खा रहे हैं.