scorecardresearch
 
Advertisement
बिहार विधानसभा चुनाव

सड़क नहीं, इसलिए शादी नहीं... ये है बिहार के एक गांव की कहानी

No Roads No Marriage in this Village of Gopalganj Bihar Election
  • 1/8

वादे हैं, वादों का क्या...शायद बिहार के गोपालगंज जिले के रामपुर बरौली गांव के लिए यही सच्चाई है. करीब तीन हजार की आबादी वाले इस गांव में एक सड़क तक नहीं है. वह भी कई दशकों से. इस गांव के ग्रामीण बताते हैं कि तीन पीढ़ियों से तो किसी ने सड़क देखी ही नहीं है. गांव के लोगों को खेतों की पगडंडियों से आने-जाने की नियति बन गई है. कीचड़ व पानी पार कर लोग खाट पर मरीज को 5 किलोमीटर पैदल अस्पताल ले जाते हैं. यह गांव बिहार के वर्तमान और पिछली सभी सरकारों की पोल खोलता नजर आता है. (रिपोर्टः सुनील कुमार तिवारी)

No Roads No Marriage in this Village of Gopalganj Bihar Election
  • 2/8

स्थानीय लोगों ने बताया कि इस गांव के सड़क मार्ग से नहीं जुड़ने के कारण युवक-युवतियों की शादी में दिक्कत आती है. आज भी कई ऐसे युवक-युवतियां हैं जिनकी शादी सड़क के अभाव के कारण नहीं हो सकी. कोई भी लड़की पक्ष इस गांव के लड़के से शादी करना नहीं चाहता. लोग पहले ही देखकर भाग जाते हैं. कहते हैं कि जिस गांव में सड़क और अस्पताल न हो वहां अपनी बेटी की शादी कैसे करें. बेटा हो या बेटी, उनकी शादी अच्छे परिवार में नहीं हो पाती है. 

No Roads No Marriage in this Village of Gopalganj Bihar Election
  • 3/8

अगर किसी की तबियत खराब हो जाए, चाहे वो गर्भवती महिलाएं हों, गंभीर पेशेंट हो या बुजुर्ग उसे अस्पताल तक पहुंचाने के लिए खाट का सहारा लेना पड़ता है. जिसको चार लोग अपने कंधों पर खेत की पगडंडियों और कीचड़ से होकर ले जाते हैं. सड़क नहीं होने से गांव में न ही एंबुलेंस पहुंच पाती है, न ही स्कूल बस. दरवाजे तक 4 पहिया की बात तो दूर दोपहिया वाहन भी नहीं पहुंच पाते हैं. ग्रामीणों ने ऐलान किया है कि अगर अब चुनाव से पहले सड़क नहीं बनती है तो हम लोग किसी को वोट नही देंगे. जो भी नेता गांव में आएगा, उनका विरोध होगा. 

Advertisement
No Roads No Marriage in this Village of Gopalganj Bihar Election
  • 4/8

ज्यादा परेशानी बाढ़ और बरसात के दिनों में होती है. जब धमहि नदी उफान पर होती है. उन दिनों चारों ओर से यह गांव पानी से घिर जाता है. लोग गांव में ही कैद हो जाते हैं. भले ही सरकार व स्थानीय प्रशासन सुशासन की बात करता हो, लेकिन इस गांव की स्थिति यह दर्शाती है कि विकास तो दूर गांव में आवागमन तक के रास्ते का नहीं होना सरकार के द्वारा चलाई जा रही योजनाएं इस गांव के लिए बेमतलब हैं. 

No Roads No Marriage in this Village of Gopalganj Bihar Election
  • 5/8

विकास के नाम पर इस गांव को सिर्फ बिजली मिली जो लालटेन युग से छुटकारा दिला पाई लेकिन सड़क की कमी बहुत खलती है. शुद्ध पेयजल, पानी के लिए नल, शौचालय, आंगनबाड़ी केंद्र, जैसी कई सुविधाएं आज भी रामपुर बरौली गांव को नसीब नहीं हुई हैं. चुनाव आते ही नेता आते हैं वादे करते हैं, जीतने के बाद शक्ल दिखाने भी नहीं आते हैं. न ही सरकारी आला अधिकारी गांव की तरफ पहुंचते हैं. 

No Roads No Marriage in this Village of Gopalganj Bihar Election
  • 6/8

बरौली गांव की सुशीला देवी कहती हैं कि दिक्कत यही है कि जब से शादी हुई तभी से देख रहे हैं कि रास्ता नहीं है. खेत-खेत से होकर इस गांव में आए थे. नदी के किनारे घर है. रास्ता नहीं होने से दिक्कत है. इतनी उम्र हो गई है, नेता आते हैं, रास्ता बनाने की सिर्फ बात करते हैं. तबियत खराब होती है तो खटिया पर ले जाया जाता है. अजय कुमार कहते हैं कि सड़क नहीं होने की वजह हम लोगों की शादी नहीं हो रही है. मेरी शादी भी पांच बार टूट गई. रास्ता नहीं होगा तो बारात कैसे जाएगी, कैसे आएगी. सामानों की डिलीवरी कैसे होगी. 

No Roads No Marriage in this Village of Gopalganj Bihar Election
  • 7/8

पंकज कुमार कहते हैं कि खाट पर ही बीमार लोगों को गांव के बाहर सड़क तक ले जाते हैं. सड़क तो अपने जीवन में अभी तक नहीं देखा. बाप-दादा ने भी नहीं देखा. नेता आते हैं, वादा करते हैं पर पूरा नहीं करते. रामवती देवी कहती हैं कि गांव में कोई सुविधा नहीं है. बीमारों को कंधे पर लादकर परसा गांव ले जाते हैं फिर वहां से किसी तरह शहर तक.

No Roads No Marriage in this Village of Gopalganj Bihar Election
  • 8/8

अशोक कुमार यादव ने कहा कि कई नेता आते हैं, वोट के लिए सड़क बनवाने की बातें कहते हैं. इस गांव में न सड़क है, न स्कूल है, न ही स्वास्थ्य केंद्र. पढ़ाई के लिए दूर जाना पड़ता है. सड़क नहीं होने के कारण शादी भी नहीं होती लोगों की. हमारी शादी होगी कि नही कोई गारंटी नहीं है. गांव के बुजुर्ग निजामुद्दीन कहते हैं कि बरसात में गांव टापू बन जाता है. आने-जाने का कोई रास्ता नहीं है. कभी चचरी पुल बनाते हैं तो कभी किसी तरह से पानी भरा रास्ता पार करते हैं. नेता आकर फर्जी वादा करते हैं. हम लोगों ने यही सोचा है कि जो नेता आते हैं, उनको सबक सिखाकर रहेंगे. वोट का बहिष्कार करेंगे. 

Advertisement
Advertisement