बिहार में स्कूल खुल गए हैं. बच्चों ने स्कूल जाना शुरू कर दिया है लेकिन दिक्कत ये है कि स्कूल तो पानी में डूबा है. स्कूल के परिसर में पानी भरा हुआ है. क्लास में पानी है. प्रिंसिपल के केबिन में भी पानी है. बच्चे पढ़ेंगे कैसे? जिस बेंच पर बच्चे अपनी किताबें-कॉपियां रखकर पढ़ते थे, वो अब पुल बने हुए हैं. उनके सहारे बच्चे और टीचर पानी से डूबे हुए परिसर को पार कर रहे हैं. (रिपोर्टः जहांगीर आलम)
समस्तीपुर के तिरहुत अकादमी स्कूल में चारों तरफ से पानी भर गया है. 9वीं और 12वीं के बच्चों की क्लास नहीं हो पाई क्योंकि उनकी क्लास में भी पानी भर गया है. बच्चे कैसे उन बेंच पर बैठकर पढ़ेंगे जो पानी की वजह से बेतरतीब हो गए हैं. कई बेंच तो स्कूल परिसर में पानी से डूबी जगहों को पार करने के लिए लगाए गए हैं.
समस्तीपुर में आज से ही स्कूल खुले हैं. 12वीं तक के सभी स्कूल खुल गए हैं लेकिन पिछले दिनों हुई बारिश की वजह से स्कूल परिसर और क्लास रूम में जलजमाव की वजह से पढ़ाई नही हो सकी. तिरहुत अकादमी स्कूल आदर्श परीक्षा केंद्र के तौर पर भी जाना जाता है.
शहर के काशीपुर स्थित तिरहुत अकादमी स्कूल की सूरत पिछले दिनों हुई जबरदस्त बारिश ने बिगाड़ के रख दी है. आप तस्वीरों में देख सकते है कि किस तरह से स्कूल खुलने के बाद छात्र और शिक्षा विभाग के अधिकारी पानी के बीच लगे बेंच के सहारे स्कूल में दाख़िल हो रहे है.
इतना ही नही प्रिंसिपल के कार्यालय में भी पानी लगा हुआ हुआ. वे दूसरे रूम में बैठकर कार्यो का निपटारा करने में लगे हैं. कोरोना काल में स्कूल बंद होने के बाद सोमवार को खुलते ही कम ही संख्या में लेकिन छात्र पहुंचे तो जरूर लेकिन उन छात्रों को स्कूल पहुंचते ही निराशा ही हाथ लगी.
छात्रों ने बताया कि इतने दिनों के बाद स्कूल तो आया लेकिन क्लास रूम में पानी लगने की वजह से पढ़ाई नही हो सकी. वहीं, स्कूल के प्रिंसिपल ने भी माना कि कुछ छात्र तो आए लेकिन क्लास रूम में पानी लगे होने की वजह से उनके वर्ग का संचालन करवा पाना संभव नही है.
डीपीओ मध्यान्ह भोजन का भी यही हाल था. वो भी अपने कार्यालय इसी स्कूल में लगे बेंच के सहारे जा पाए. आजतक ने जब इनसे सवाल किया तो इन्होंने कहा कि पढ़ाई होगी. पहले पंप लगवाकर स्कूल से पानी हटवाएंगे. डीईओ का इस बारे में आदेश आ चुका है.