भोजपुर में प्रशासन की लापरवाही आम लोगों की जिंदगी पर भारी पड़ रही है. यहां सड़क जाम लोगों के लिए एक बड़ी समस्या बन चुकी है. सड़क जाम और अस्पताल के लचर सिस्टम के कारण कई लोगों की जिंदगियां भी दांव पर लग रही हैं. कुछ ऐसा ही मामला अस्पताल में डिलीवरी के लिए आई एक प्रेग्नेंट महिला के साथ भी घटित हुआ. (रिपोर्ट: सोनू सिंह)
घंटों जाम में फंसी दर्द से कराहती प्रसूता को जब परिजन डिलीवरी के लिए आरा सदर अस्पताल लाए तो अस्पताल के लचर सिस्टम ने सबसे पहले कोरोना जांच कराने की बात कही. इधर-उधर भटकाया. जिसके बाद दर्द से छटपटाती प्रेग्नेंट महिला ने इमरजेंसी वार्ड के परिसर में ही शिशु को जन्म दे दिया.
बच्चे के जन्म होने की खबर जैसे ही प्रसूति वार्ड की नर्स और चिकित्सकों को लगी. उन्होंने तुरंत इमरजेंसी के बाहर से प्रसूता को ले जाकर प्रसूति वार्ड में भर्ती कराया दिया. उस समय अस्पताल परिसर में कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ था.
प्रसूता रूबी देवी के पति अजय कुमार ने बताया कि दोपहर में घर पर डिलीवरी का दर्द शुरू हुआ था. इसके बाद अस्पताल लाते समय उन्हें जाम में फंसना पड़ा. जिससे अस्पताल लाने में देरी हो गई. काफी मशक्कत के बाद वे अस्पताल पहुंचे तो वहां सबसे पहले कोरोना जांच कराने की बात कही गई. हम लोग जैसे ही उसे जांच के ले जा रहे थे. तभी उसे काफी दर्द होने लगा और उसने इमरजेंसी परिसर में ही बच्चे को जन्म दे दिया.
अस्पताल के सिस्टम में लापरवाही की बात अस्पताल के अधिकारियों से पूछा गया तो उन्होंने कैमरे पर बोलने से साफ मना कर दिया. बहरहाल इस तरह का मामला शहर के लिए कोई नई बात नहीं है. यहां के लोगों के लिए अब जाम और लापरवाही मानो नियति बन गई है.
सदर अस्पताल के प्रभारी डीएस डॉ प्रतिक ने कहा कि पेशेंट लेट से अस्पताल पहुंची थी, फिर भी सदर अस्पताल के स्टॉफ के द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए मरीज को सहायता दी प्रदान की गई है. इस घटना में प्रथम दृष्टया लापरवाही प्रतीत नहीं हो रही है फिर भी परिजन के द्वारा अगर किसी तरह की लिखित शिकायत दी जा रही है तो उस पर जांच की जाएगी.