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बिहार में किसकी सरकार, कौन सत्ता से कितनी दूर, जानें ओपिनियन पोल की 15 खास बातें

10 नवंबर को आने वाले नतीजे से साफ हो जाएगा कि बिहार में किसकी सरकार बन रही है. लेकिन उससे पहले लोकनीति-सीएसडीएस का पोल लोगों के बीच आया है, जिसमें बिहार में एक बार NDA की सरकार बनती दिख रही है. ये सर्वे 10 से 17 अक्टूबर के बीच किया गया. इसमें जनता का मूड जानने की कोशिश की गई. आइए जानते हैं लोकनीति-सीएसडीएस के पोल 15 खास बातें. 

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बिहार के सीएम नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
बिहार के सीएम नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • लोकनीति-सीएसडीएस का ओपिनियन पोल
  • NDA को स्पष्ट बहुमत मिलने का अनुमान
  • सीएम के रूप में नीतीश कुमार पहली पसंद

कोरोना संकट काल में बिहार में विधानसभा का चुनाव होने जा रहा है. 28 अक्टूबर से शुरू हो रहे चुनाव में NDA और महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है. एक ओर जहां NDA की साख दांव पर है तो वहीं महागठबंधन भी ये साबित करने में जुटी कि वो इस बार नीतीश कुमार के बगैर सत्ता पर काबिज होना का दम रखती है. 10 नवंबर को आने वाले नतीजे से साफ हो जाएगा कि बिहार में किसकी सरकार बन रही है. लेकिन उससे पहले लोकनीति-सीएसडीएस का पोल लोगों के बीच आया है, जिसमें बिहार में एक बार NDA की सरकार बनती दिख रही है.

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ये सर्वे 10 से 17 अक्टूबर के बीच किया गया. इसमें जनता का मूड जानने की कोशिश की गई. आइए जानते हैं लोकनीति-सीएसडीएस के पोल 15 खास बातें. 

1- महागठबंधन और एनडीए में 6 फीसदी का फासला

सर्वे में बिहार में 38 प्रतिशत लोगों ने एनडीए पर फिर भरोसा जताया है. वहीं 32 फीसदी लोग चाहते हैं कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बने जबकि 6 प्रतिशत लोगों का मानना है कि राज्य में एलजेपी की सरकार बननी चाहिए.

2- NDA को 133-143 सीट मिलने का अनुमान

243 सीटों वाली विधानसभा में, जादुई आंकड़ा 122 है. लोकनीति-सीएसडीएस ने अनुमान लगाया है कि एनडीए को 133-143 सीटें मिलेंगी और महागठबंधन को 88-98 के बीच सीटें मिल सकती है. एलजेपी को 2-6 सीट मिलने का अनुमान है. 

3- 14% लोग बोले- चुनाव के दिन तय करेंगे किसे देना है वोट

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सर्वे में कुछ ऐसे भी वोटर्स हैं जिन्होंने कहा है कि उन्होंने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है. ये आंकड़ा अच्छा खासा है. 10 फीसदी ऐसे लोग हैं जिन्होंने कोई निर्णय नहीं लिया है तो वहीं 14 फीसदी लोग ऐसे हैं जिन्होंने ये कहा है कि वो मतदान के दिन फैसला लेंगे. ऐसे में ये एक निर्णायक आंकड़ा हो सकता है.

4- नीतीश की लोकप्रियता कम हुई

इस ओपीनियन पोल से दूसरे बड़े संकेत भी मिल रहे हैं. ये संकेत नीतीश कुमार के लिए बहुत बड़ी चुनौती की तरह हैं. वो सत्ता में तो वापस आ जाएंगे, लेकिन उनकी पॉपुलरिटी गिरी है. 2015 में 80 प्रतिशत लोग नीतीश सरकार के कामकाज से संतुष्ट थे लेकिन 2020 के इस ओपिनियन पोल में ये आंकड़ा गिरकर 52 प्रतिशत हो गया है. 2015 में सिर्फ 18 प्रतिशत लोग ही नीतीश सरकार से नाखुश थे लेकिन 2020 के ओपिनियन पोल में नीतीश से नाखुश लोगों का प्रतिशत 44 हो गया है.

5- नीतीश कुमार के शासन से 52 फीसदी ही लोग खुश

ओपिनियन पोल से यह भी पता चला है कि बिहार में नीतीश कुमार के शासन से 52 फीसदी ही लोग खुश हैं. इस पोल में 52 फीसदी लोग नीतीश सरकार के काम से संतुष्ट हैं जबकि 44 फीसदी लोग असंतुष्ट हैं. 

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6- कायम है मोदी सरकार का जादू

इस सर्वे से ये भी पता चला कि मोदी सरकार का जादू आज भी कायम है.  पोल में 61 फीसदी लोग मोदी सरकार के कामकाज से खुश दिखे तो 35 प्रतिशत लोगों ने नाखुशी जताई है.

7- 43 फीसदी लोग नहीं चाहते नीतीश वापसी करें

पोल के आंकड़ों के मुताबिक, केवल 38 फीसदी लोग ऐसे हैं जो नीतीश कुमार के लिए एक और कार्यकाल चाहते हैं, जबकि 43 फीसदी नहीं चाहते हैं कि वे सीएम के रूप में वापसी करें. 2010 में, नीतीश कुमार को सीएम के रूप में चाहने वालों और न चाहने वालों के बीच 30 प्रतिशत का अंतर था. 

8- महिला मतदाताओं में NDA लोकप्रिय

नीतीश कुमार के नेतृत्व वाला गठबंधन महिला मतदाताओं के बीच अधिक लोकप्रिय है. 41 फीसदी महिला मतदाताओं ने सुझाव दिया कि वो एनडीए को वोट देंगी, जबकि 36 प्रतिशत पुरुषों ने कहा कि वे एनडीए को वोट देंगे. 

9- रोजगार और विकास ही है वोटरों का सबसे बड़ा एजेंडा

लोकनीति-सीएसडीएस के ओपिनियन पोल में विकास और रोजगार ही यहां के वोटरों का सबसे बड़ा एजेंडा है. इस चुनाव में विकास (29%), रोजगार (20%), महंगाई (11%), गरीबी (6%), शिक्षा (7%), अन्य मुद्दे (25%) और तीन फीसदी लोगों ने किसी भी मुद्दे पर कोई रिस्पॉन्स नहीं दिया.

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10- कांग्रेस महागठबंधन की कमजोर कड़ी

महागठबंधन में कांग्रेस कमजोर कड़ी है. लगभग 53 फीसदी लोग जो कांग्रेस के मतदाता के रूप में अपनी पहचान रखते हैं, वे या तो अन्य पार्टियों या एनडीए को वोट दे रहे हैं, लेकिन महागठबंधन को नहीं. 

11- मौजूदा विधायकों से लोग नाखुश

40 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे अपने मौजूदा विधायक से असंतुष्ट हैं. बीजेपी विधायकों (48 फीसदी) में असंतोष का स्तर सबसे ज्यादा है. आरजेडी विधायकों में असंतोष का स्तर सबसे कम (34 प्रतिशत) है. 

12- राज्य सरकार के मुकाबले मोदी सरकार से ज्यादा खुश

27 प्रतिशत लोगों मे कहा कि वे मोदी सरकार द्वारा किए गए कार्यों को अधिक महत्व देंगे. एनडीए के केवल 16 वोटर्स ने कहा कि नीतीश कुमार सरकार का काम उनके मतदान के निर्णय को निर्धारित करने में अधिक महत्वपूर्ण था. 

13- 55 फीसदी बीजेपी समर्थक चाहते हैं नीतीश बनें सीएम

सर्वे में हमने ये भी जानने की कोशिश की क्या नीतीश कुमार फिर से सीएम बनें. इसपर 55 फीसदी बीजेपी समर्थकों ने सहमति जताई तो जेडीयू के 93 फीसदी समर्थकों ने नीतीश कुमार पर भरोसा जताया. 

14-  37 विधानसभा सीटों के 148 बूथों को कवर किया गया

लोकनीति-सीएसडीएस के ओपिनियन पोल में 37 विधानसभा सीटों के 148 बूथों को कवर किया गया जिनमें से 3731 लोगों से बात की गई. ये सर्वे 10 से 17 अक्टूबर के बीच किया गया.इनमें 60 फीसदी पुरुष और 40 फीसदी महिला मतदाताओं से बात की गई. पृष्ठभूमि की बात करें तो 90 फीसदी सैंपल ग्रामीण इलाकों से और 10 फीसदी शहरी इलाकों के लोगों से बात की गई.

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15- सर्वे में हर आयुवर्ग के लोग शामिल

इनमें हर आयुवर्ग के लोग शामिल थे. 18 से 25 साल तक के 14 फीसदी, 26 से 35 साल के 29 फीसदी, 36 से 45 साल के 15 फीसदी, 46 से 55 साल के 15 फीसदी और 56 साल के अधिक के 17 फीसदी लोग शामिल थे. इस सैंपल में 16 फीसदी सवर्ण, 51 फीसदी ओबीसी, 18 फीसदी एससी और 14 फीसदी मुस्लिम शामिल रहे.  

 

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