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अररिया: नेपाल से सटा बाढ़ से त्रस्त रहा है बिहार का यह जिला

अररिया जिले की प्रमुख नदियां कोसी, सुवाड़ा, काली, परमार और कोली हैं. जिले में बाढ़ की समस्या से काफी आबादी परेशान रहती है.

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नेपाल से आने वाला पानी लाता है अररिया में तबाही (फोटो- NIC)
नेपाल से आने वाला पानी लाता है अररिया में तबाही (फोटो- NIC)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बाढ़ की तबाही झेलता रहा है अररिया
  • अररिया से दिखती है कंचनजंघा की चोटी
  • नेपाल के पड़ोस में बिहार का यह जिला

अररिया नेपाल सीमा से लगा हुआ बिहार का जिला है. अररिया जिला पूर्णिया प्रमंडल का हिस्सा है. जिले से कंचनजंघा (हिमालय की महान चोटियों में से एक) का दृश्य देखा जा सकता है. अररिया 1964 में पूर्णिया जिले का उपखंड बन गया था. इसके बाद 1990 में पूर्णिया प्रमंडल के अधीन अररिया स्वतंत्र जिला बन गया. ब्रिटिश काल के दौरान जहां अफसरों के बंगले थे, उसे 'आवासीय क्षेत्र' कहा जाता था, जिसका छोटा नाम R (Residential) एरिया चल गया था. यही आर एरिया बाद में अररिया बन गया. 

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इस जिले में 2 उपखंड अररिया और फारबिसगंज एवं 9 प्रखंड हैं. अररिया उपखंड में छह प्रखंड अररिया, जोकीहाट, कुर्साकांटा, रानीगंज, सिकटी और पलासी और फारबिसगंज उपखंड में तीन प्रखंड फारबिसगंज, नरपतगंज और भरगामा हैं. यह जिला प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार फणीश्वरनाथ रेणु की कर्मभूमि रहा है. सहारा ग्रुप के सुब्रत रॉय भी अररिया जिले से आते हैं. 

बाढ़ की तबाही झेलता रहा है अररिया 
अररिया जिले की प्रमुख नदियां कोसी, सुवाड़ा, काली, परमार और कोली हैं. जिले में बाढ़ की समस्या से काफी आबादी परेशान रहती है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2017 की बाढ़ से उत्तर बिहार के 19 जिलों पर 514 लोगों की मौत हुई. इसमें अररिया जिले में अकेले 95 लोगों की जान गई थी. बाढ़ ने अररिया में 18 साल में 215 लोगों की जान ली है. 

खेती पर निर्भर है अररिया की अर्थवस्था
अररिया जिले की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर है. यहां पर जमीन के अधिकांश हिस्से पर खेती होती है. अररिया में प्रमुख तौर पर धान, मक्का और जूट का उत्पादन किया जाता है. अरररिया देश के पिछड़े जिलों में शुमार है. पंचायती राज मंत्रालय की ओर से इसकी दशा सुधारने के लिए यहां विशेष फंड दिया जाता है. 

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अररिया का सामाजिक तानाबाना
2011 की जनगणना के अनुसार अररिया जिले की आबादी करीब 28.12 लाख है. अररिया में प्रत्येक 1000 पुरुषों पर 921 महिलाएं हैं. यहां साक्षरता की दर 53.53% है. यहां पर हिंदू-मुस्लिम आबादी का अनुपात लगभग बराबर है. जिले में करीब 57 फीसदी आबादी हिंदू धर्म की मानने वाली और करीब 43 फीसदी मुस्लिम आबादी है. यहां करीब 44.90% लोग हिंदीभाषी हैं तो 28.71% लोगों की बोलचाल की भाषा उर्दू है. करीब 20.57% लोग मैथिली बोलते हैं, 2.17% बंगाली  और 2.10% मालतो और 1.05% संथाली भाषा बोलते हैं. 

अररिया की राजनीतिक तस्वीर
अररिया जिले में अररिया लोकसभा सीट आती है. यहां पर 1990 से पहले चार बार कांग्रेस जीती है. तीन बार जनता दल जीती है. 1998 के बाद से यहां पर भाजपा का दबदबा रहा है. चार बार भाजपा ने सीट निकाली है और तीन बार राजद जीती है. अररिया जिले में छह विधानसभा सीटें नरपतगंज, रानीगंज (अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित, फारबिसगंज, अररिया, जोकीहाट और सिकटी सीटें आती हैं. इनमें से 2-2 सीटें जेडीयू और भाजपा के पास हैं तो आरजेडी और कांग्रेस के पास एक-एक सीट है.  

जिले के प्रमुख अधिकारी
अररिया के डीएम प्रशांत कुमार हैं. उनकी ई-मेल आईडी dm-araria.bih@nic.in है. उनसे टेलीफोन नंबर 06453-222001 और फैक्स नंबर 06453-222124 पर संपर्क किया जा सकता है. जिले के एसपी हृदय कांत तिवारी हैं. उनकी ई-मेल आीडी sp-araria-bih@nic.in है. उनका टेलीफोन नंबर 06453-222050 और फैक्स नंबर 06453-222018 है.
 

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