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अरवल विधानसभा सीट: RJD फिर चाहेगी जीत दर्ज करना, BJP से चुनौती

बिहार में जहानाबाद लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाली अरवल विधानसभा सीट पर किसी खास पार्टी का कभी भी दबदबा नहीं रहा. 2015 के चुनावों में आरजेडी के रविंद्र सिंह ने 55,295 (42.6%) मतों के साथ जीत हासिल की थी. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी के चितरंजन कुमार को मात दी थी.

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2015 में आरजेडी के रविंद्र सिंह को मिली थी जीत
2015 में आरजेडी के रविंद्र सिंह को मिली थी जीत
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अरवल सीट पर आरजेडी का कब्जा
  • बीजेपी को एक बार मिली है जीत
  • महागठबंधन और एनडीए में टक्कर

बिहार में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो गई है, अब 10 नवंबर को नतीजों का इंतजार है. बिहार की अरवल विधानसभा सीट (Arwal Assembly constituency) पर इस बार 28 अक्टूबर को वोट डाले गए, यहां कुल 55.67% मतदान हुआ.

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बिहार में जहानाबाद लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाली अरवल विधानसभा सीट पर किसी खास पार्टी का कभी भी दबदबा नहीं रहा. अरवल विधानसभा सीट 1951 में अस्तित्व में आई थी. इस सीट से पहली बार सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर गोदानी सिंह ने जीत हासिल की थी. अभी अरवल विधानसभा क्षेत्र पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) का कब्जा है.

कब हुई वोट‍िंग?
अरवल विधानसभा सीट पर पहले चरण में 28 अक्टूबर को मतदान हुआ. बता दें कि इस साल बिहार विधानसभा चुनाव 3 चरणों में संपन्न हुए. पहले चरण के लिए 28 अक्टूबर, दूसरे चरण के लिए 3 नवंबर को वोट डाले गए. जबकि तीसरे यानी आखिरी चरण का चुनाव 7 नवंबर को हुआ. बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 नवंबर को आएंगे. 

इस बार के मुख्य उम्मीदवार

  • बीजेपी - दीपक कुमार शर्मा
  • लेफ्ट - महानंद सिंह
  • आरएलएसपी - सुभाष चंद्रा यादव

बहरहाल, 2015 के चुनावों में आरजेडी के रविंद्र सिंह ने 55,295 (42.6%) मतों के साथ जीत हासिल की थी. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी के चितरंजन कुमार को मात दी थी. चितरंजन कुमार को 37,485 (28.9%) मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहना पड़ा था. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (एमएल) के महानंदन प्रसाद 21,354(16.5%) वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे. 

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इसी तरह 2010 के चुनावों में बीजेपी के चितरंजन कुमार ने जीत हासिल की थी. इस चुनाव में चितरंजन कुमार ने 23,984   (25.3%) मतों के साथ जीत दर्ज की थी. वहीं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (एमएल) के महानंदन प्रसाद 19,782 (20.9%) मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे. लोक जनशक्ति पार्टी के दुलार चंद सिंह 15,513 (16.4%) मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे. 

 

    चुनावी इतिहास
         
    अरवल सीट का चुनावी इतिहास देखें तो यहां से पहली बार 1951 के चुनावों में सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर गोदानी सिंह को विजय मिली थी. 1957 और 1962 में बुधन मेहता (कांग्रेस), 1967, 1969 में सीपीआई के एस. जौहर, 1972 में रंग बहादुर सिंह (निर्दलीय), 1977 में भानेश्वर प्रसाद सिंह (जेएनपी), 1980, 85 और 1990 में कृष्णन नंदन सिंह (निर्दलीय), 1995 में रविंद्र सिंह (जनता दल), 2000 में अखिलेश प्रसाद सिंह (आरजेडी), 2005 में दुलार चंद सिंह यादव (एलजेपी) ने जीत दर्ज की.

    सामाजिक ताना-बाना

    जनगणना 2011 के मुताबिक अरवल विधानसभा क्षेत्र की कुल आबादी 352013 है. इसमें 85.27% आबादी गांवों जबकि 14.73% लोग शहरों में रहते हैं. इसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का अनुपात क्रमशः 21.23 और 0.08 फीसदी है. 2019 की मतगणना सूची के मुताबिक यहां 255692 मतदाता है. 2015 के विधानसभा चुनावों में इस सीट पर 52.78% मतदान हुआ था.

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