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अरवल: लक्ष्मणपुर बाथे नरसंहार की जमीन और वामपंथ का पुराना दुर्ग

अरवल जिले के लक्ष्मणपुर बाथे में 1997 में रणवीर सेना ने दलितों को नक्सली समर्थक मानकर बड़ी संख्या में हत्याएं की थीं.

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बौद्ध आस्था का केंद्र भी रहा है अरवल (फोटो- NIC)
बौद्ध आस्था का केंद्र भी रहा है अरवल (फोटो- NIC)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अरवल जिले में हुआ था कुख्यात लक्ष्मणपुर बाथे कांड
  • वामपंथ की मजबूत जमीन रही है अरवल जिले में
  • जिले में भूमिहार भी प्रभुत्वशाली वर्ग

अरवल जिला मगध कमिश्नरी का अंग है. यह जिला अगस्त 2001 में जहानाबाद से अलग होकर बना था. यह जिला बिहार राज्य की राजधानी पटना से 65 किमी दूर है. यहां का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन पटना में ही है. यह जिला जहानाबाद,औरंगाबाद, पटना और भोजपुर जिलों से जुड़ा हुआ है. इस जिले की जलवायु गर्मी में बहुत गर्म और सर्दियों में काफी ठंडी होती है.

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अरवल जिले के लक्ष्मणपुर बाथे में 1997 में रणवीर सेना ने दलितों को नक्सली समर्थक मानकर बड़ी संख्या में हत्याएं की थीं. रणवीर सेना जिले के प्रभुत्वशाली भूमिहारों की थी. तब यह जिला न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आ गया था. यह जिला नक्सल प्रभावी जिला है. 2011 की जनगणना के मुताबिक अरवल बिहार का तीसरा सबसे कम आबादी वाला जिला है. 

खेती पर निर्भर है अर्थव्यवस्था 
सोन नदी अरवल जिले को सींचने का काम करती है. यही नदी यहां पर अधिकांश सिंचाई का काम करती है. इसके अलावा भी यहां पर पानी की उपलब्धता काफी अच्छी है. गंगा का मैदानी इलाका होने से यहां की मिट्टी भी काफी उपजाऊ है. अरवल जिले की अर्थव्यवस्था  मुख्य रूप से खेती पर निर्भर है. जिले में खेती के लिए काफी मात्रा में जमीन उपलब्ध है. यहां धान, गेहूं और मक्के की फसल उगाई जाती है. यही जिले के निवासियों की आमदनी का मुख्य सधन है. यहां पर उद्योगों का अभाव है. 

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अरवल रहा है वामपंथी दलों का गढ़
अरवल में एक लोक सभा क्षेत्र जहानाबाद है. जहानाबाद में आजादी के बाद सबसे ज्यादा बार वामपंथी दलों को जीत मिलती रही है. यहां से चार बार सीपीआई के रामआश्रय प्रसाद सिंह को जीत मिली है. कांग्रेस और जेडीयू को तीन-तीन बार तो आरजेडी को दो बार जीत हासिल हुई है. फिलहाल जेडीयू के चंडेश्वर प्रसाद सिंह यहां से सांसद हैं. अरवल में दो विधानसभा सीटें अरवल और कुर्था हैं. इसमें अरवल सीट आरजेडी के पास है तो कुर्था सीट जेडीयू के पास है. 
 
अरवल का सामाजिक तानाबाना
2011 की जनगणना के अनुसार अरवल जिले की कुल जनसंख्या करीब 7 लाख है. जिले में लिंगानुपात में महिलाएं पुरुषों से कम हैं. यहां प्रति 1000 पुरुषों पर 928 महिलाएं हैं. जिले में साक्षरता की दर 67.44 फीसदी है. जहानाबाद से अलग होने के बाद इस जिले को एक डिविजन (अरवल) और पांच प्रखंडों (अरवल, कलेर, करपी, कुर्था, बंशी) में विभाजित किया गया था. यहां पर मगही (करीब 86.53 फीसदी लोग), हिंदी (8.11 फीसदी लोग) और उर्दू (4.96 फीसदी) भाषा प्रमुख तौर पर बोली जाती है. जिले में करीब 90.48 फीसदी लोग हिंदू धर्म को मानते हैं तो करीब 9.17 फीसदी लोग इस्लाम के मानने वाले हैं. 

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अरवल के प्रमुख अधिकारी और नेता
अरवल जिले के डीएम रवि शंकर चौधरी हैं. उनकी ई-मेल आईडी dm-arwal.bih@nic.in है. उनका मोबाइल फोन नंबर 9473191476 और फैक्स नंबर 06337228988 है. जिले के एसपी राजीव रंजन हैं. उनकी ई-मेल आईडी sp-arwal-bih@nic.in है. उनका मोबाइल फोन नंबर 9431822977 और फैक्स नंबर 06337228639 है. इलाके में पड़ने वाली लोकसभा सीट जहानाबाद के सांसद चन्देश्वर प्रसाद हैं. उनकी ई-मेल आईडी mpjehanabad@gmail.com है. उनका टेलीफोन नंबर 9431020780 है.
 

 

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