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बुधवार मध्यरात्रि चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के अंतिम नतीजों की घोषणा की. 243 सीटों वाली विधानसभा में 125 सीटें जीत कर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने बहुमत प्राप्त किया. इन 243 निर्वाचन क्षेत्रों में से 40 सीटों पर बेहद करीबी मुकाबला देखा गया, जहां जीत का अंतर 3,500 से कम रहा. इनमें से 11 सीटों पर फर्क 1,000 से भी कम रहा- जैसे नालंदा जिले की हिलसा सीट, जहां जनता दल (यूनाइटेड) के उम्मीदवार कृष्णमुरारी शरण उर्फ प्रेम मुखिया ने आरजेडी के अत्रि मुनि उर्फ शक्ति सिंह यादव को मात्र 12 वोटों से हराया.
11 सीटों पर, जहां जीत का अंतर 951 या इससे कम रहा, पांच एनडीए ने जीतीं. जीत के सबसे कम अंतर वाली टॉप 5 सीटों में जेडीयू को सबसे ज्यादा तीन और आरजेडी, एलजेपी को एक-एक सीट पर जीत मिली. जेडीयू ने हिलसा, बरबीघा और भोरे सीटों को क्रमश: 12, 113 और 462 मतों से जीता.
बरबीघा में जेडीयू उम्मीदवार सुदर्शन कुमार ने कांग्रेस के गजानंद शाही को मात्र 113 मतों से हराया. गोपालगंज जिले के भोरे विधानसभा क्षेत्र में, जेडीयू के सुनील कुमार ने सीपीआई (एमएल) के उम्मीदवार जितेंद्र पासवान को 462 मतों से हराया. सीपीआई (एमएल) ने इस सीट पर वोटों की दोबारा गिनती की मांग की है, उसका आरोप है कि स्थानीय जेडीयू सांसद की वोटों की गिनती के दौरान अवैध रूप से मौजूदगी रही.
आरजेडी के सुधाकर सिंह ने रामगढ़ सीट पर बीएसपी उम्मीदवार अंबिका सिंह को मात्र 189 मतों से हराया. एलजेपी के राज कुमार सिंह ने मटिहानी सीट पर जेडीयू के नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ बोगो सिंह को केवल 333 मतों से हराया. ये सीट जीतने से चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी का पूरी तरह सफाया होने से बच गया. एलजेपी को इस विधानसभा चुनाव में सिर्फ एक सीट ही हाथ लग सकी.
इन पांच सबसे कम जीत के अंतर वाली सीटों के अलावा, अन्य 6 सीटें ऐसी रहीं जहां अंतर अपेक्षाकृत थोड़ा अधिक लेकिन 1,000 से कम रहा. इन सीटों के नाम हैं. डेहरी, बछवाड़ा, चकाई, कुढ़नी, बखरी और परबत्ता. महागठबंधन को इनमें से तीन सीटों पर जीत मिली. एनडीए ने दो और निर्दलीय ने एक सीट जीती.
चकाई सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार सुमित कुमार सिंह ने आरजेडी की सावित्री देवी को 581 मतों से हराया. परबत्ता में, जेडीयू के उम्मीदवार डॉ. संजीव कुमार ने आरजेडी उम्मीदवार दिंगबर प्रसाद तिवारी पर 951 मतों के अंतर से जीत दर्ज की. बछवाड़ा सीट पर बीजेपी के सुरेंद्र मेहता ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) उम्मीदवार अवधेश कुमार राय को 484 वोटों से शिकस्त दी.
आरजेडी उम्मीदवारों ने डेहरी सीट को 464 मतों और कुढ़नी सीट को 712 मतों से जीता. बखरी सीट पर सीपीआई के सूर्यकांत पासवान ने बीजेपी के रमेश पासवान को 777 मतों से हराया.
इस बीच, आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने आरोप लगाया है कि दिल्ली के वरिष्ठ एनडीए नेताओं ने साजिश रची. महागठबंधन के मुताबिक एनडीए उम्मीदवारों के साथ बहुत करीबी मुकाबलों वाले उसके उम्मीदवारों को हराने के लिए ये नेता पटना में डेरा डाले हुए थे.
मानेर विधानसभा सीट से जीतने वाले आरजेडी के भाई बीरेंद्र ने कहा, "जनता का जनादेश सरकार बनाने के लिए तेजस्वी को मिला था, लेकिन एनडीए सरकार ने लोकतंत्र की हत्या कर दी है. महागठबंधन के कई उम्मीदवारों को बहुत कम अंतर से हराया गया है, यह साजिश पटना में डेरा डाले हुए दिल्ली के एनडीए नेताओं ने रची.”
दूसरी ओर, जेडीयू ने महागठबंधन के आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज किया. जेडीयू नेता संजय सिंह ने कहा, "बिहार के लोगों ने महागठबंधन को हरा दिया है और अब वे प्रशासन पर आरोप लगा रहे हैं. लोगों ने नीतीश कुमार को जनादेश दिया है और आरजेडी के नेता जनता के जनादेश पर सवाल उठा रहे हैं. ये जेडीयू का चरित्र नहीं है कि वो किसी को हराने के लिए साजिश करे.”