बिहार विधानसभा चुनाव में कई जगहों से नियमों की धज्जियां उड़ने की खबरें भी सामने आ रही हैं. कोरोना गाइडलाइन के बावजूद नेता लोगों का हुजूम लेकर चल रहे हैं. ताजा मामला वैशाली जिले का है. जहां नामांकन करने बाहुबली मुन्ना शुक्ला लोगों का हुजूम लेकर पहुंचे.
जेडीयू से टिकट नहीं मिलने से नाराज बाहुबली मुन्ना शुक्ला इस बार निर्दलीय ही चुनाव मैदान में कूद पड़े हैं. सोमवार को वे लालगंज सीट से नामांकन करने समर्थकों की भीड़ के साथ पहुंचे. हालांकि पुलिस ने उनके काफिले को दो किलोमीटर पहले ही रोक लिया. बता दें कि कोरोना महामारी के कारण नामांकन करने जाने के लिए सिर्फ चार लोग ही अलाउड हैं. लेकिन लोग इस नियम का ध्यान नहीं रखते और हुजूम लेकर नामांकन करने निकल पड़ते हैं. यही नहीं कुछ लोग तो नामांकन कार्यालय के बाहर तक हजारों लोगों की भीड़ ले जाते हैं.
इस घटना के बारे में वैशाली के एसपी ने बताया कि मुन्ना शुक्ला के नामांकन के दौरान उनके काफिले में काफी भीड़-भाड़ थी. इलेक्शन कमीशन के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन होगा तो एफएसटी टीम द्वारा कार्रवाई की जाएगी.
जेडीयू से टिकट नहीं मिलने पर हैं नाराज
जेडीयू से टिकट नहीं मिलने पर मुन्ना शुक्ला ने जमकर विरोध जाहिर किया. मुन्ना शुक्ला ने कहा कि जेडीयू ने धोखा दिया है, लालगंज की जनता सबक सिखाएगी. पार्टी के साथ उस समय से मैं जुड़ा रहा जब 7 दिन की सरकार बनी थी. मुझे टिकट नहीं मिला तो मैं तो इसको धोखा ही कहूंगा. जनता की भावना को ठेस पहुंचाया गया है.
नीतीश के खास में होती थी गिनती
लालगंज से मुन्ना शुक्ला की पत्नी अनु शुक्ला भी चुनाव लड़ी हैं. मुन्ना शुक्ला की गिनती कभी नीतीश के खास बाहुबलियों में होती थी. मुन्ना शुक्ला का नाम मंत्री बृज बिहारी हत्याकांड में भी आया था. 2012 में मुन्ना शुक्ला जेल में बंद थे. इस दौरान भी उनका एक फिरौती केस में नाम आया था.