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Baniapur Election Results 2020: लोजपा ने बिगाड़ा NDA का खेल, RJD के केदार नाथ की हैट्रिक

Baniapur Election Results, Baniapur Vidhan Sabha seat Counting 2020: इस सीट पर पिछले दो बार के चुनावों में जीत का परचम लहराने वाले पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के भाई केदार नाथ सिंह ने इस बार जीत के साथ हैट्रिक लगा दी है. आरजेडी नेता केदार नाथ को इस सीट पर लोजपा उम्मीदवार तारकेश्वर सिंह के चुनावी मैदान में रहने का भी फायदा मिला है.

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Baniapur Election Results 2020
Baniapur Election Results 2020

बिहार के बनियापुर विधानसभा सीट से पिछले दो बार के चुनावों में जीत का परचम लहराने वाले पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के भाई और आरजेडी उम्मीदवार केदार नाथ सिंह ने लगातार तीसरी बार जीत हासिल करने में कामयाबी पाई है. आरजेडी नेता केदार नाथ को इस सीट पर लोजपा उम्मीदवार तारकेश्वर सिंह के चुनावी मैदान में रहने का भी फायदा मिला है.

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दरअसल, एनडीए गठबंधन की तरफ से इस सीट पर वीआईपी के उम्मीदवार वीरेंद्र कुमार ओझा को टिकट थमाया गया था, वहीं पिछली बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले तारकेश्वर सिंह को मायूसी हाथ लगी थी, जिसके बाद उन्होंने लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और एनडीए के वोट बैंक में सेंधमारी कर डाली. अगर वीआईपी और एलजेपी को मिले वोटों को जोड़ दें तो आरजेडी उम्मीदवार से कहीं ज्यादा वोट होंगे. ऐसे में इस सीट पर केदार नाथ सिंह को लोजपा ने काफी फायदा पहुंचाया. केदारनाथ सिंह ने वीआईपी के ओझा को 27789 मतों से हराया. 

इस बार के मुख्य उम्मीदवारों को मिले वोट

  • वीआईपी- वीरेंद्र कुमार ओझा - 37405 वोट
  • आरजेडी - केदार नाथ सिंह - 65194 वोट
  • एलजेपी - तारकेश्वर सिंह - 33082 वोट
चुनाव आयोग के मुताबिक आंकड़े

बिहार की बनियापुर विधानसभा सीट पर इस बार 3 नवंबर को वोट डाले गए थे और यहां कुल 52.71% मतदान हुआ था. बिहार के सारण जिले के तहत आने वाले बनियापुर विधानसभा क्षेत्र में आरजेडी का दबदबा माना जाता है. इस सीट पर पिछले दो बार के चुनावों पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के भाई केदार नाथ सिंह आरजेडी के टिकट पर जीत हासिल की थी. 2015 के चुनाव में केदार नाथ सिंह ने बीजेपी उम्मीदवार तारकेश्वर सिंह को हराया था.

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राजनीतिक पृष्ठभूमि

बनियापुर विधानसभा सीट पर वर्तमान में आरजेडी का कब्जा है. पिछले 5 बार के विधानसभा चुनावों को देखें तो बाहुबली नेता मनोरंजन सिंह उर्फ धूमल सिंह तीन बार यहां से विधायक रहे और 2008 के परिसीमन के बाद उन्होंने अपना विधानसभा क्षेत्र बदल लिया.

उनके यहां से जाने के बाद साल 2010 के चुनावों में आरजेडी नेता और पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के भाई केदार नाथ ने यहां से जीत दर्ज की. इसके बाद 2015 में भी उन्होंने जीत के सिलसिले को दोहराया. हालांकि, जब तक धूमल सिंह इस सीट से चुनाव लड़े, किसी दूसरे उम्मीदवार को जीत हासिल नहीं हुई. वर्तमान में धूमल सिंह एकमा विधानसभा सीट से जेडीयू के विधायक हैं. 

सीट के इतिहास की बात करें तो इस से 7 बार जीत हासिल करने वाली कांग्रेस को 1985 के बाद से हार ही मिली है. वहीं, बीजेपी का यहां खाता भी नहीं खुला है. ऐसे में जेडीयू और बीजेपी के एक साथ आ जाने के बाद इस सीट पर विधानसभा चुनाव दिचलस्प रहने वाला है.

समाजिक ताना-बाना

बनियापुर में राजपूत और भूमिहार वर्ग के लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है. यहां से विधायक केदार नाथ सिंह खुद भी राजपूत जाति से आते हैं. 100 फीसदी ग्रामीण आबादी वाले बनियापुर विधानसभा की 11.78 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति की है. वहीं, अनुसूचित जनजाति की आबादी महज एक फीसदी है.

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2015 का जनादेश

2015 के चुनावों में केदार नाथ सिंह ने आरजेडी के टिकट पर जीत हासिल की और बीजेपी के तारकेश्वर सिंह को करीब 20 हजार वोटों के अंतर से हराया. केदार नाथ सिंह को 69851 वोट मिले थे, वहीं तारकेश्वर सिंह को 53900 मत मिले थे.

    केदार नाथ सिंह का रिपोर्ट कार्ड

    1998 में राजनीति में कदम रखने वाले केदार नाथ सिंह तीन बार (2005, 2010, 2015) बिहार विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं. उन्हें इलाके के पूर्व विधायक अशोक सिंह हत्या मामले में जेल की सजा काट रहे पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह का साथ मिला, जिसके बाद उन्होंने चुनावी राजनीति में हाथ आजमाया और 3 बार विधायक बने.

    प्रभुनाथ सिंह के कारण बिहार की राजनीति में इस परिवार की पकड़ काफी मजबूत मानी जाती है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्य के करीब 6 विधानसभा सीटों पर इस परिवार से जुड़े लोग चुनाव जीत चुके हैं. प्रभुनाथ सिंह के भाई केदार नाथ सिंह सारण की बनियापुर सीट से विधायक हैं.

    बेटे रणधीर सिंह सारण की छपरा विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं. हालांकि, 2015 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. वहीं, जीजा गौतम सिंह मांझी सीट से विधायकी जीत चुके हैं. उनके अलावा प्रभुनाथ के समधी विनय सिंह सारण की सोनपुर सीट से विधायक रह चुके हैं. इस बार भी इस परिवार के कई सदस्य चुनावी मैदान में दावेदारी ठोक चुके हैं.

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