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बेतिया विधानसभा सीट पर 56.06 फीसदी मतदान, बीजेपी और कांग्रेस के बीच है मुकाबला

बिहार की बेतिया विधानसभा सीट पर 63.72 फीसदी मतदान हुआ. पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने ज्यादा वोट डाले. पुरुष मतदाताओं ने 54.25 फीसदी तो महिला मतदाताओं ने 58.11 फीसदी वोट डाले. बेतिया विधानसभा सीट पर कुल 10 उम्मीदवार मैदान में हैं.

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बेतिया में दूसरे चरण में होगा मतदान (सांकेतिक-पीटीआई)
बेतिया में दूसरे चरण में होगा मतदान (सांकेतिक-पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • इस बार 10 उम्मीदवारों के बीच होगा मुकाबला
  • 2015 में कांग्रेस ने बीजेपी से यह सीट छीन ली
  • 2015 के चुनाव में 16 उम्मीदवार थे मैदान में

बिहार की बेतिया विधानसभा सीट पर 63.72 फीसदी मतदान हुआ. पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने ज्यादा वोट डाले. पुरुष मतदाताओं ने 54.25 फीसदी तो महिला मतदाताओं ने 58.11 फीसदी वोट डाले. बेतिया विधानसभा सीट पर कुल 10 उम्मीदवार मैदान में हैं जिसमें मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी की रेणु देवी और कांग्रेस के मदन मोहन तिवारी के बीच है. पिछली बार मदन मोहन तिवारी यहां से जीते थे.

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बेतिया विधानसभा सीट पर इस बार 18 लोगों ने नामांकन दाखिल किया था जिसमें 3 उम्मीदवारों का नामांकन खारिज हो गया जबकि 15 आवेदन सही पाए गए. इस तरह से इस सीट पर 10 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला है. भारतीय जनता पार्टी की रेणु देवी ने 4 नामांकन सेट पेपर दाखिल किए थे. इस सीट पर दूसरे चरण में 3 नवंबर को मतदान कराया गया. 

तीन चरणों में हो रहे बिहार विधानसभा में पहले चरण यानी 28 अक्टूबर को 16 जिलों की 71 सीटों पर मतदान हुआ तो दूसरे चरण यानी 3 नवंबर को 17 जिलों की 94 विधानसभा सीटों पर वोटिंग हुई. जबकि तीसरे चरण (7 नवंबर) में 78 सीटों पर मतदान कराया गया. वोटों की गिनती 10 नवंबर को होगी.

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बेतिया विधानसभा सीट की बिहार विधानसभा में सीट क्रम संख्या आठ है. यह विधानसभा क्षेत्र पश्चिम चंपारण जिले में पड़ता है और यह पश्चिम चंपारण संसदीय (लोकसभा) निर्वाचन क्षेत्र का एक हिस्सा भी है. 2008 में परिसीमन आयोग की सिफारिश के बाद इस विधानसभा सीट में बदलाव किया गया और इसके तहत बेतिया सामुदायिक विकास ब्लॉक, मोहद्दीपुर, मझहौलिया, पारसा, बहुआरवास गुदारास बखरिया, राजभर और सेनुवरिया समेत कई क्षेत्रों को शामिल किया गया.

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बेतिया विधानसभा सीट पहले बेतिया लोकसभा का हिस्सा हुआ करता था, लेकिन 2008 के बाद इसमें बदलाव कर दिया गया और इसे पश्चिम चंपारण संसदीय (लोकसभा) निर्वाचन क्षेत्र में शामिल कर दिया गया. बेतिया विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा है. लेकिन 2000 में बीजेपी ने इसे अपने कब्जे में ले लिया हालांकि 2015 में कांग्रेस ने फिर से जीत हासिल कर लिया.

2015 में किसे मिली थी जीत

2015 में हुए विधानसभा चुनाव में बेतिया विधानसभा सीट की बात की जाए तो इस सीट पर  कुल 2,48,311 मतदाता थे जिसमें 1,34,199 पुरुष और 1,14,112 महिला मतदाता शामिल थे. कुल 2,48,311 में से 1,47,563 मतदाताओं ने वोट डाले जिसमें 1,45,645 वोट वैध माने गए. 

बेतिया विधानसभा सीट पर 2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के मदन मोहन तिवारी ने जीत हासिल की थी. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की रेनू देवी को कांटेदार मुकाबले में महज 2,320 मतों के अंतर से हराया था. मदन मोहन तिवारी को 45.3% वोट मिले जबकि रेनू देवली को 43.7% वोट हासिल हुए.

जनता दल यूनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस महागठबंधन के रूप में चुनाव लड़ रहे थे और यह सीट कांग्रेस को दी गई थी जिसमें उसे कड़े मुकाबले के बाद जीत मिली थी. इस सीट पर 16 उम्मीदवार मैदान में थे. इनमें से 4 उम्मीदवार निर्दलीय थे.

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