बिहार विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने दूसरे चरण के 46 उम्मीदवारों की लिस्ट रविवार को जारी कर दी है. बीजेपी ने अपनी पहली सूची की तरह इस बार भी अपने कोर वोटबैंक अगड़ी जाति पर खास फोकस किया है. बीजेपी ने इस बार भी करीब 50 फीसदी टिकट सवर्णों को दिये हैं जबकि इससे पहले वाली लिस्ट में 60 फीसदी टिकट उनके खाते में गए थे. इसके अलावा आठ यादव प्रत्याशी उतारने के साथ अति पिछड़े और दलितों को भी टिकट देकर आरजेडी के मूल वोटबैंक को साधने की कवायद की गई है. हालांकि, इस बार बीजेपी ने अपने चार मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिये हैं.
सवर्ण-वैश्य को 26 टिकट
बीजेपी को सीट शेयरिंग में दूसरे चरण की 94 सीटों में से 51 सीटें मिली हैं, जिनमें से पांच सीटें मुकेश सहनी की वीआईपी को दे दी गई हैं. इस तरह से बीजेपी 46 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जिन पर कैंडिडेट के नामों का ऐलान कर दिया गया है. बीजेपी ने इन 46 सीटों में से 26 सीटों पर सवर्ण-वैश्य समुदाय के लोगों पर भरोसा जताया जिनमें 11 राजपूत, पांच भूमिहार, चार ब्राह्मण और दो कायस्थ हैं. इसके अलावा चार वैश्य समुदाय को भी प्रत्याशी बनाया है.
आठ यादव और अति पिछड़ों को टिकट
बीजेपी ने सवर्ण समुदाय के बाद 16 टिकट पिछड़ी जाति के लोगों को दिये हैं, जिनमें से 8 यादव, चार कुर्मी-कुशवाहा और एक अतिपिछड़ी जाति चौरसिया को प्रत्याशी बनाया है. इसके अलावा सात सुरक्षित सीटों पर दलित उम्मीदवार उतारे हैं. बीजेपी ने आठ यादव कैंडिडेट उतारकर आरजेडी के मूलवोट बैंक में सेंधमारी का दांव चला है. बीजेपी ने अपनी पहली लिस्ट में भी चार यादव प्रत्याशी उतारे थे.
बीजेपी ने चार विधायकों के काटे पत्ते
बीजेपी ने दूसरे चरण में चार मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए हैं, जिनमें से एक सीट वीआईपी को दे दी है. चनपटिया से प्रकाश राय का टिकट काटकर उमाकांत सिंह को दिया गया है. सीवान से व्यासदेव प्रसाद की जगह पूर्व सांसद ओमप्रकाश यादव को प्रत्याशी बनाया गया है और अमनौर से शत्रुघ्न तिवारी उर्फ चोकर बाबा की जगह कृष्णा कुमार मंटू को टिकट दिया है. इसके अलावा बीजेपी ने अपनी सिटिंग सुगौली सीट वीआईपी को दे दी है, जिसके चलते बीजेपी के तीन बार के विधायक रामचंद्र सहनी का टिकट कट गया है.
दो महिला प्रत्याशी, अश्विनी चौबे के बेटे को टिकट नहीं
बीजेपी ने दूसरे चरण में महज दो महिलाओं को टिकट दिया है, जिनमें एक रेणु देवी और दूसरा नाम आशा सिन्हा का है. बीजेपी ने पहली लिस्ट में पांच महिलाओं को प्रत्याशी बनाया था, इस तरह अब तक 7 महिला कैंडिडेट हो गई हैं. बीजेपी ने केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत को भागलपुर सीट से प्रत्याशी नहीं बनाया है बल्कि पार्टी ने उनकी जगह जिला अध्यक्ष रोहित पांडेय को मैदान में उतारा है. हालांकि, अश्विनी चौबे यहां से कई बार विधायक रहे हैं और बेटे को टिकट दिलाना चाहते थे.
पुराने के साथ नए चेहरों पर भरोसा
बीजेपी ने अपने चार विधायकों का टिकट भले ही काटा है, लेकिन ज्यादातर पुराने चेहरे ही मैदान में उतारे हैं. इसके अलावा कई नए चेहरों को भी टिकट दिया है. सिवान से दो बार के सांसद रहे ओमप्रकाश यादव को सीवान विधानसभा सीट से टिकट दिया गया है. इसके अलावा नए चेहरों में पार्टी के प्रवक्ता निखिल आनंद, जिला अध्यक्ष रोहित पांडे, फतुहा सीट से सत्येंद्र सिंह को प्रत्याशी बनाया गया है. इसके अलावा चनपटिया, उजियारपुर और अमनौर से भी बीजेपी ने नए चेहरों को मौका दिया है.
बीजेपी की पहली लिस्ट में 60 फीसदी सवर्ण
बत दें इससे पहले बीजेपी ने पहले चरण के लिए 27 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की थी, जिनमें सबसे अधिक 16 सीटों पर सवर्ण समुदाय से आने वाले चेहरे पर भरोसा जताया गया. इस लिस्ट में बीजेपी ने सात टिकट राजपूत, 6 भूमिहार और 3 ब्राह्मणों को देकर अपने कोर वोटबैंक को साधने की कवायद की है. साथ ही 3 यादव प्रत्याशियों को टिकट देकर बीजेपी ने आरजेडी के मूल वोट बैंक में सेंध लगाने का दांव चला है. इसके अलावा 3 अनुसूचित जाति, एक आदिवासी, एक वैश्य, एक बिंद, एक दांगी और एक चंद्रवंशी को बीजेपी ने टिकट दिया है. बीजेपी ने 5 महिला प्रत्याशी भी उतारे हैं और तीन नए चेहरे को भी टिकट दे रखा है.