बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी की जूनियर पार्टनर के तौर पर शामिल कांग्रेस ने आखिरकार अपने कोटे के सभी 70 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है. कांग्रेस ने टिकट वितरण के जरिए अपने पुराने और परंपरागत वोटर अगड़ों के साथ-साथ दलित और मुस्लिम का खास ख्याल रखा है. कांग्रेस ने करीब 50 फीसदी टिकट सवर्ण समुदाय से आने वाली जातियों को दिए हैं. कांग्रेस ने अपने पुराने दिग्गज नेताओं के बेटे-बेटियों का भी टिकट बंटवारे में अहमियत दी है. हालांकि, पार्टी ने अपने किसी भी मौजूदा विधायक का टिकट नहीं काटा है.
कांग्रेस का आगड़ों पर दांव
कांग्रेस ने अपने हिस्से की 70 विधानसभा सीटों में सबसे अधिक 34 सीटों पर सवर्ण उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जो करीब 50 फीसदी होता है. इनमें 11 भूमिहार, 10 राजपूत, 9 ब्राह्मण और 4 कायस्थ समुदाय के प्रत्याशी शामिल हैं. इसके साथ ही वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट के उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने ब्राह्मण समुदाय से आने वाले प्रवेश कुमार मिश्र को अपना प्रत्याशी घोषित किया है. इस तरह से कांग्रेस ने पुराने वोटबैंक को साधने का दांव चला है.
कांग्रेस के 10 मुस्लिम, 13 दलित प्रत्याशी
कांग्रेस ने टिकट बंवटारे में 10 मुस्लिम प्रत्याशी भी उतारकर राजनीतिक संदेश देने की कोशिश की है. ऐसे ही कांग्रेस ने 13 सीटों पर दलित समुदाय के प्रत्याशी उतारे हैं. इसके अलावा 10 ओबीसी समुदाय से प्रत्याशी बनाया है, जिसमें 5 यादव, दो कुर्मी, दो वैश्य और एक कुशवाहा समुदाय से शामिल हैं. साथ ही तीन अति पिछड़े समुदाय से भी जगह दी गई है. इतना ही नहीं कांग्रस ने दूसरे दलों से आए नेताओं को भी निराश नहीं किया है. एलजेपी छोड़कर कांग्रेस में आए बाहुबली नेता काली पांडेय को कुचायकोट से टिकट दिया है तो जेडीयू के विधायक रवि ज्योति को राजगीर सीट से प्रत्याशी बनाया है.
कांग्रेस ने दो विधायकों की सीट बदली
कांग्रेस ने अपने किसी भी विधायक का टिकट नहीं काटा है. कांग्रेस ने सभी विधायकों को अपने पुराने क्षेत्र से ही टिकट दिया है. केवल डॉ. अशोक कुमार रोसड़ा की जगह कुशेश्वरस्थान और विजय शंकर दुबे को मांझी की जगह महराजगंज से उम्मीदवार बनाया है. वहीं, लोकसभा चुनाव में शकील अहमद के साथ पार्टी से निकाली गई भावना झा को कांग्रेस ने फिर से टिकट दे दिया है. हाल ही में उन्होंने कांग्रेस में वापसी की थी.
टिकट में युवा संगठन को तरजीह
कांग्रेस ने अपने संगठन के युवा नेताओं को भी खास जगह दी है. पार्टी के 20 प्रत्याशियों की उम्र लगभग 40 से 45 साल के बीच है. पार्टी ने युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे दो नेताओं को टिकट दे दिया है. युवा कांग्रेस के अध्यक्ष ललन यादव को सुल्तानगंज और मौजूदा अध्यक्ष गुजन पटेल को नालंदा सीट से मैदान में उतारा है. इसके अलावा बेलदौर से चंदन यादव को भी प्रत्याशी बनाया है. यूथ कांग्रेस के महासचिव तौकीर आलम को परानपुर से टिकट दिया है.
कांग्रेस नेताओं के बेटे-बेटियों को टिकट
कांग्रेस उम्मीदवार की लिस्ट में परिवारवाद का साया साफ तौर पर दिखाई दे रहा है. ऐसे उम्मीदवार हैं जिनके पिता या परिवार के अन्य सदस्य पार्टी में बड़े पद पर हैं. कहलगांव विधानसभा से सुभानंद मुकेश उम्मीदवार हैं जो कि सदानंद सिंह के पुत्र हैं, बांकीपुर से लव सिन्हा, शत्रुघन सिन्हा के पुत्र हैं, वजीरगंज से शशि शेखर जो वर्तमान विधायक अवधेश सिंह के पुत्र हैं, बिहारीगंज से सुभाषिनी यादव जो कि शरद यादव की पुत्री हैं, लालगंज से राकेश कुमार उर्फ पप्पू सिंह जो निखिल कुमार के भतीजा हैं.
ऐसे ही गोपालगंज से आशिफ गफ्फूर हैं जो पूर्व सीएम अब्दुल गफ्फूर के पोता हैं, बेनीपुर से मिथलेश चौधरी हैं और यह कृति आज़ाद के साला हैं, पारू से अनुनय सिंह जो कि उषा सिन्हा पूर्व मंत्री भारत सरकार के पुत्र हैं और खगड़िया से छत्रपति यादव हैं इनके पिता भी बिहार सरकार में मंत्री रह चुके हैं. कांग्रेस ने 7 महिला प्रत्याशी भी मैदान में उतारे हैं.