राजनीतिक दलों के त्राहिमाम संदेश और असंतोष के बावजूद निर्वाचन आयोग में बिहार विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम के ऐलान की उलटी गिनती शुरू हो गई है. 10 सितंबर के बाद कभी भी चुनाव का ऐलान हो सकता है. बिहार विधानसभा के साथ बिहार में लोकसभा की एक सीट और कई राज्यों की विधानसभा की हाल ही में खाली हुई 64 सीटों पर उपचुनाव भी होंगे.
निर्वाचन आयोग के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, 13 सितंबर के आस-पास संभावनाएं ज्यादा प्रबल हैं. हालांकि मौजूदा विधानसभा के चुनाव का ऐलान 9 सितंबर को हुआ था. वैसे भी बिहार विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर तक है. राज्य में 243 सीटों के लिए मतदान होना है.
20 दिनों की अवधि में चुनावी प्रक्रिया पूरी...
आयोग के सूत्र संकेत दे रहे हैं कि चुनाव के लिए मतदान संभवतः तीन चरणों में हों. दशहरे के बाद और दिवाली से पहले के 20 दिनों की अवधि में चुनावी प्रक्रिया पूरी कर ली जाए. ये भी मुमकिन है कि बाढ़ की सबसे अधिक आशंका वाले इलाकों में सबसे आखिरी चरण में मतदान हो.
पिछले 7 दशकों में हुए निर्वाचन से ये निर्वाचन प्रक्रिया काफी जुदा, नई और अलग होगी, क्योंकि कोविड संकट, छह महीने के लॉकडाउन, अनलॉक और कोरोना के बढ़ते-घटते मरीजों की तादाद के बीच बिहार पहला राज्य है, जहां विधानसभा के चुनाव होंगे.
धनतेरस से पहले ही मतगणना पूरी करने की कोशिश...
वहीं, सुरक्षा के दोहरे इंतजाम के बीच यानी नक्सली, अपराधी और राजनीतिक गुंडागर्दी से लोकतंत्र और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की रक्षा के लिए भी और कोविड वायरस से मतदाताओं की सुरक्षा के लिए भी इंतजाम किए जा रहे हैं.
सूत्रों के मुताबिक, धनतेरस से पहले ही निर्वाचन प्रक्रिया यानी मतदान के सभी चरण और मतगणना पूरी करने की कोशिश रहेगी. अगर उसमें कोई भी अड़चन आती है तो मतगणना का काम छठ पर्व के बाद भी हो सकता है. लेकिन इसकी संभावना बहुत कम है.