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इमामगंज विधानसभा सीट: मांझी के सामने सीट बचाने तो उदय नारायण को वापसी करने की चुनौती

इस सीट हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा-सेक्युलर (हम) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी विधायक हैं. इससे पहले इस सीट से जेडीयू के उदय नारायण चौधरी चार बार विधायक रह चुके हैं. इस बार जीतनराम मांझी, एनडीए की नाव पर सवार हैं, जबकि उदय नारायण चौधरी के आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ने की अटकलें हैं.

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पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी
पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी

बिहार के गया जिले का इमामगंज विधानसभा सीट काफी हाईप्रोफाइल है. इस सीट हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा-सेक्युलर (हम) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी विधायक हैं. इससे पहले इस सीट से जेडीयू के उदय नारायण चौधरी चार बार विधायक रह चुके हैं. इस बार जीतनराम मांझी, एनडीए की नाव पर सवार हैं, जबकि उदय नारायण चौधरी के आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ने की अटकलें हैं.

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इमामगंज सीट का राजनीतिक समीकरण
1967 में यह सीट अऩुसुचित जाति के लिए आरक्षित की गई थी. इस सीट पर पहला चुनाव 1957 में हुआ था. तब अंबिका प्रसाद सिंह विधायक बने थे. अगले यानी 1962 के चुनाव में भी अंबिका प्रसाद सिंह जीते. 1967 के चुनाव में कांग्रेस के डी राम, 1969 के चुनाव में एसएसपी के ईश्वर दास, 1972 में कांग्रेस के अवधेश्वर राम जीते थे.

1980 और 1985 के चुनाव में कांग्रेस के श्रीचंद सिंह जीते. इसके बाद 1990 में जेडीयू के उदय नारायण चौधरी जीते. 1995 में रामस्वरूप पासवान जीते. इसके बाद 2000, 2005 औ    और 2010 के चुनाव में उदय नारायण चौधरी जीते. 2015 के चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने जेडीयू के उदय नारायण चौधरी को पटखनी दे दी.

सामाजिक तानाबाना
अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित इमामगंज विधानसभा में अभी कुल 288861 वोटर हैं. इनमें से 149717 वोटर पुरूष और 139134 वोटर महिला हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में कोयरी, मांझी, यादव और मुसलमानों की आबादी सबसे ज्यादा है. 

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2015 के चुनावी नतीजे
2015 के विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री और हम नेता जीतन राम मांझी को 79389 वोट मिले थे, जबकि तीन बार से विधायक रहे जेडीयू प्रत्याशी उदय नारायण चौधरी को 49981 वोट मिले थे. जीतन राम मांझी ने उदय नारायण चौधरी को 29 हजार से अधिक वोटों से पटखनी दी थी. तीसरे नंबर पर नोटा था.

विधायक जीतन राम मांझी के बारे में
जीतनराम मांझी वैसे तो बीते तीन दशक से बिहार की राजनीति में सक्रिय हैं लेकिन उन्हें व्यापक पहचान मई 2014 में मिली जब अचानक से नीतीश कुमार ने उन्हें सूबे का मुख्यमंत्री बना दिया. हालांकि जब नीतीश ने बाद में उनसे इस्तीफा देने के लिए कहा तो वो चुनौती बनकर उनके सामने खड़े हो गए, लेकिन आखिर में उन्हें ही मात खानी पड़ी. 

इसके बाद जीतन राम मांझी ने अपनी पार्टी हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा-सेक्युलर (हम) बना ली. जेडीयू से निकाले जाने के बाद उन्होंने महागठबंधन का हाथ भी थामा लेकिन जल्द ही मांझी वहां से भी बाहर आ गए. अब एक बार फिर मांझी बिहार चुनाव से पहले नीतीश की नांव पर सवार हो गए हैं.

कौन-कौन है मैदान में?
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी- जितेंद्र कुमार पासवान
लोक जनशक्ति पार्टी- कुमारी शोभा सिन्हा
जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक)- फकीरचंद दास
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा- जीतनराम मांझी
राष्ट्रीय जनता दल- उदय नारायण चौधरी

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कब हुआ है चुनाव? 
पहला चरण – 28 अक्टूबर, 2020
नतीजा – 10 नवंबर, 2020

कितने फीसदी मतदान?

इमामगंज विधानसभा सीट पर पहले चरण में मतदान हुआ था. इस दौरान 58.64 फीसदी लोगों ने वोट डाले थे.


 

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