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बिहार चुनाव: लीची लैंड में RJD-कांग्रेस का सियासी दामन सूखा, दो दशक से जीत का इंतजार

दुनियाभर में लीची लैंड के नाम से मशहूर मुजफ्फरपुर की सियासत की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है. मुजफ्फरपुर जिले की 11 विधानसभा सीटों के लिए हर बार मुकाबला काफी रोचक रहता है. 2015 के चुनाव में आरजेडी-जेडीयू की जोड़ी ने इन सीटों पर कमाल दिखाया था लेकिन इस बार जेडीयू-बीजेपी-वीआईपी पार्टी साथ उतर रही हैं और समीकरण काफी बदले हुए नजर आएंगे.

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Bihar Elections 2020 (File Pic)
Bihar Elections 2020 (File Pic)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • लीची लैंड के नाम से मशहूर है मुजफ्फरपुर
  • मुजफ्फरपुर सदर सीट पर हैट्रिक के लिए उतरेगी बीजेपी
  • दो चरणों में होना है मुजफ्फरपुर जिले में मतदान

कोरोना संकट के बीच बिहार विधानसभा चुनाव के लिए तैयार है. हर इलाके का अपना सियासी इतिहास है और अपना अलग सियासी समीकरण. दुनियाभर में लीची लैंड के नाम से मशहूर मुजफ्फरपुर की सियासत की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है. मुजफ्फरपुर जिले की 11 विधानसभा सीटों के लिए हर बार मुकाबला काफी रोचक रहता है. 2015 के चुनाव में आरजेडी-जेडीयू की जोड़ी ने इन सीटों पर कमाल दिखाया था लेकिन इस बार जेडीयू-बीजेपी-वीआईपी पार्टी साथ उतर रही हैं और समीकरण काफी बदले हुए नजर आएंगे.

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मुजफ्फरपुर की खास बातें
दुनियाभर में अपनी शाही लीची के स्वाद के लिए मशहूर है मुजफ्फरपुर जिला. बिहार का यह जिला चंपारण, सीतामढ़ी, वैशाली, सारण, दरभंगा और समस्तीपुर जिलों से घिरा हुआ है. आजादी के दौर में शहीद हुए क्रांतिकारी खुदीराम बोस का यहां स्मारक भी है.

खासकर लोगों की निगाह मुजफ्फरपुर सदर सीट पर है जहां एक दशक से बीजेपी का कब्जा है और दो दशक से अधिक समय से आरजेडी-कांग्रेस का सियासी दामन सूखा है. नीतीश सरकार के नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा यहां से विधायक हैं. जो पिछले दो बार से बीजेपी के टिकट पर विजेता बनते आए हैं. बीजेपी ने इस बार भी इस सीट से सुरेश कुमार शर्मा को ही उतारा है. उनका मुकाबला महागठबंधन के उम्मीदवार बिजेंद्र चौधरी से होगा. 2015 के चुनाव में भी इन दोनों का ही आमना-सामना हुआ था. उस समय बिजेंद्र चौधरी जेडीयू प्रत्याशी के रूप मे सुरेश शर्मा से मुकाबला कर रहे थे.

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मुजफ्फरपुर विधानसभा सीट पर वोटरों की कुल संख्या 2,68,689 है. इसमें से पुरुष वोटर 1,45,996 और महिला वोटर 1,22,679 हैं.

जिले की बाकी सीटों का क्या है हाल?
बिहार की 243 विधानसभा सीटों में 11 सीटें मुजफ्फरपुर जिले में आती हैं. 2015 के चुनाव में इनमें से 6 सीटें लालू यादव और नीतीश कुमार के गठबंधन को गई थीं. तीन सीटें बीजेपी को जबकि दो सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में गई थीं. इस बार कहानी काफी अलग है. आखिरी मोमेंट में मुकेश सहनी की निषाद पार्टी एनडीए में आ गई. वीआईपी को जिले की दो सीटें मिली हैं. निषाद वोटों के लिए स्थानीय सांसद अजय निषाद और मुकेश सहनी के बीच की सियासी अदावत यहां किसी से छिपी हुई नहीं है.

1. सकरा- इस सीट से 2015 में आरजेडी के लालबाबू राम जीते थे. बीजेपी के अर्जुन राम को लगभग 13 हजार वोटों से हराया था.
2. मीनापुर- पिछले चुनाव में ये सीट आरजेडी के खाते में गई थी.
3. बरुराज- 2015 में इस सीट से आरजेडी जीती थी. इस बार भी आरजेडी ने विधायक नंदकुमार राय को ही उतारा है. उनके मुकाबले में यहां से बीजेपी ने अरुण कुमार सिंह को मैदान में उतारा है.
4. औराई- आरजेडी यहां से 2015 में जीती थी. इस बार बीजेपी ने अपने पूर्व जिलाध्यक्ष रामसूरत राय को उम्मीदवार घोषित किया है.
5. साहेबगंज- 2015 में आरजेडी इस सीट से जीती थी. एनडीए की ओर से इस बार वीआईपी के राजू कुमार सिंह मैदान में हैं. पिछले चुनाव में जदयू साथ थी और इस सीट से राजद जीती थी. पूर्व मंत्री रामविचार राय यहां के वर्तमान विधायक हैं. लेकिन इस बार जेडीयू बीजेपी के साथ है.
6. गायघाट- पिछले चुनाव में आरजेडी के खाते में गई थी ये सीट.
7. मुजफ्फरपुर सदर- बीजेपी के सुरेश कुमार शर्मा जीते थे. इस बार भी मैदान में.
8. पारू-बीजेपी के खाते में गई थी 2015 के चुनाव में ये सीट. बीजेपी ने पारू सीट से निवर्तमान विधायक अशोक कुमार सिंह को फिर उतारा है.
9. कुढ़नी- बीजेपी इस सीट पर जीत की कहानी दोहराने की कोशिश में है. इस बार भी कुढ़नी से बीजेपी ने विधायक केदार गुप्ता को मौका दिया है.
10. कांटी- निर्दलीय के खाते में गई थी ये सीट पिछले चुनाव में.
11. बोचहां (सुरक्षित)- 2015 में निर्दलीय के खाते में गई थी ये सीट. इस बार एनडीए की ओर से बोचहां (सुरक्षित) सीट मुकेश सहनी की वीआईपी को मिली है. जहां से वीआईपी ने मुसाफिर पासवान को उतारा है.

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कब है यहां मतदान?
बिहार में चुनाव इस बार तीन चरणों में होंगे. मुजफ्फरपुर की 11 सीटों पर दूसरे और तीसरे चरणों में दो हिस्सों में मतदान कराए जाएंगे. 3 नवंबर को मीनापुर, बरूराज, कांटी, साहेबगंज व पारू सीटों पर मतदान होगा. जबकि मुजफ्फरपुर सदर, सकरा, औराई, बोचहां, कुढ़नी और गायघाट में 7 नवंबर को तीसरे और आखिरी चरण में वोट डाले जाएंगे. बिहार में सभी 243 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव के नतीजे 10 नवंबर को आएंगे.

 

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