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बिहारः कांटे के मुकाबले में जीते थे नीतीश के ये पांच मंत्री, वापसी के लिए लगाना होगा जोर

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की 71 सीटों के लिए नामांकन की प्रक्रिया गुरुवार से शुरू हो रही है. ऐसे में नीतीश कुमार सरकार में 5 मंत्री ऐसे हैं, जो तीन हजार से कम वोटों से ही जीत सके थे. इनमें नंद किशोर यादव, कृष्ण कुमार ऋषि और ब्रज किशोर बिन्द बीजेपी से विधायक हैं तो जय कुमार सिंह और खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद जेडीयू से विधायक चुने गए थे.

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नीतीश कुमार और नंद किशोर यादव
नीतीश कुमार और नंद किशोर यादव
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बिहार के पहले चरण के लिए नामांकन 1 अक्टूबर से
  • नीतीश के पांच मंत्री 3 हजार से कम वोट से जीते थे
  • बीजेपी कोटे से तीन और जेडीयू कोटे से दो मंत्री हैं

बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए एक बार फिर से बिहार की सियासी जंग को फतह कर सत्ता पर काबिज होना चाहता है. ऐसे में नीतीश सरकार के करीब आधा दर्जन मंत्री ऐसे हैं, जिन्हें 2015 के चुनाव में जीतने में पसीने छूट गए थे. ऐसे में इन मंत्रियों की सीटों पर अगर वोट थोड़ा बहुत हुआ तो विधानसभा पहुंचने की राह मुश्किल हो जाएगी.  

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नीतीश कुमार सरकार में 5 मंत्री ऐसे हैं, जो तीन हजार से कम वोटों से ही जीत सके थे. इनमें नंद किशोर यादव, कृष्ण कुमार ऋषि और ब्रज किशोर बिन्द बीजेपी से विधायक हैं तो जय कुमार सिंह और खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद जेडीयू से विधायक चुने गए थे. हालांकि, इस बार के राजनीतिक समीकरण काफी बदले हुए हैं और अगर वोटों का ध्रुवीकरण हुआ तो नीतीश के इन मंत्रियों को जीतने के लाले पड़ सकते हैं. 

नंद किशोर यादव
बिहार सरकार में कैबिनेट मंत्री नंद किशोर यादव पटना साहिब विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक हैं. वो बीजेपी के दिग्गज नेता हैं और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं. इसके बाद भी 2015 के विधानसभा चुनाव में नंद किशोर यादव काफी छोटे अंतर से चुनाव जीते थे और आखिरी राउंड में कहीं जाकर बाजी मार पाए थे. 2015 में नंद किशोर यादव को 88108 वोट मिले, जबकि आरजेडी के संतोष मेहता को 85318 वोट मिले थे. इस तरह से नंद किशोर महज 2792 वोट से जीत सके थे. हालांकि, इस बार समीकरण बदल गए हैं और जेडीयू और बीजेपी एक साथ हैं.

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जय कुमार सिंह 
नीतीश सरकार में विज्ञान प्रौद्योगिकी मंत्री जय कुमार सिंह रोहतास जिले की दिनारा सीट से विधायक हैं. जय कुमार सिंह को 2015 के चुनाव में दिनारा सीट पर काफी मुश्किल से जीत मिली थी. पिछले चुनाव में बिहार की हॉट सीट बन गई थी, जहां से जेडीयू के जय कुमार सिंह को 64699 मत मिले जबकि बीजेपी के राजेंद्र सिंह को 62008 मत हासिल हुए थे. जय कुमार सिंह 2691 मतों से जीते थे. ऐसे में इस बार का मुकाबला काफी दिलचस्प होने की उम्मीद है, लेकिन समीकरण काफी बदल गए हैं. 

खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद 
बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद पश्चिमी चंपारण जिले की सिकटा विधानसभा सीट से विधायक हैं. साल 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में सिकटा सीट से जेडीयू को जीतने के लिए लोहे के चने चबाने पड़े थे. खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद को 69870 वोट मिले थे जबकि बीजेपी के दिलीप वर्मा को 67035 वोट हासिल हुए थे. इस तरह से खुर्शीद अहमद को महज 2835 वोटों से जीत मिली थी. 
 

कृष्ण कुमार ऋषि
बीजेपी नेता और नीतीश सरकार में पर्यटन मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि बनमनखी विधानसभा सीट से विधायक हैं. 2015 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को यहां से जीतने में पसीने छूट गए थे. बीजेपी के कृष्ण कुमार ऋषि को 59053 वोट मिले थे जबकि आरजेडी के संजय पासवान को 58345 मत हासिल हुए थे. इस तरह से कृष्ण कुमार ऋषि को महज 708 मतों से ही जीत मिल सकी थी. ऐसे में अगर थोड़ा बहुत वोट इधर-उधर हुआ तो नीतीश सरकार के मंत्री को अपनी सीट बचाने के लिए लाले पड़ जाएंगे. 
 

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ब्रज किशोर बिंद
बीजेपी के नेता और नीतीश सरकार में मंत्री ब्रज किशोर बिंद चैनपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं. 2015 के विधानसभा चुनाव में मुकाबला काफी रोचक रहा था. पिछले चुनाव में चैनपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी के ब्रज किशोर बिंद को 58913 वोट मिले थे जबकि बसपा के जमा खान को 58242 वोट मिले थे. बीजेपी के बिंद महज 671 वोटों से जीत दर्ज कर सके थे. ऐसे में इस बार बीजेपी को यह सीट बचाने के लिए कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा. 


 

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