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बिहार: पहली वर्चुअल रैली के मंच पर दिखी नीतीश कुमार की सोशल इंजीनियरिंग

जेडीयू प्रदेश मुख्यालय में नवनिर्मित कर्पूरी सभागार के मंच पर 15 नेताओं के बैठने की व्यवस्था की गई है. नीतीश कुमार ने मंच पर ऐसे नेता को जगह दी, जिसके जरिए सोशल इंजीनियरिंग की झलक दिखी है. इसमें कुर्मी, दलित, भूमिहार से लेकर ब्राह्मण और यादव समुदाय तक को संदेश देने की कवायद की गई. 

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जेडीयू की वर्चुअल रैली के मंच पर नीतीश कुमार सहित तमाम नेता
जेडीयू की वर्चुअल रैली के मंच पर नीतीश कुमार सहित तमाम नेता
स्टोरी हाइलाइट्स
  • नीतीश कुमार ने मुस्लिमों को दिया राजनीतिक संदेश
  • दलित, भूमिहार, ब्राह्मण, यादव समुदाय का समीकरण
  • नीतीश ने लालू-राबड़ी के शासन पर साधा निशाना

जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को वर्चुअल रैली 'निश्चय संवाद' के माध्यम से बिहार विधानसभा चुनाव अभियान का शंखनाद किया. जेडीयू प्रदेश मुख्यालय में नवनिर्मित कर्पूरी सभागार के मंच पर 15 नेताओं के बैठने की व्यवस्था की गई है. नीतीश कुमार ने मंच पर ऐसे नेता को जगह दी है, जिसके जरिए सोशल इंजीनियरिंग की झलक दिखी है. इसमें कुर्मी, दलित, भूमिहार से लेकर ब्राह्मण और यादव समुदाय तक को संदेश देने की कवायद दिखी. 

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जेडीयू की वर्चुअल रैली के मंच पर 15 नेताओं के बैठने की व्यवस्था की गई है, जिसमें प्रमुख रूप से ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, सांसद आरसीपी सिंह, सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, मीडिया सेल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमरदीप सहित पार्टी प्रदेश मुख्यालय के पदाधिकारी शामिल हैं. इतना ही नहीं नीतीश कुमार ने अपने से पहले पार्टी के दिग्गज नेताओं को बोलने का मौका दिया. 

बिहार सरकार के मंत्री और जेडीयू के दलित चेहरा माने जाने अशोक चौधरी ने एलजेपी पर निधाना साधते हुए कहा कि एक हमारे नेता कहा करते थे कि हम वैसे घरों में दिया जलाने चले हैं, जहां सालों से अंधेरा है. अब उन घरों में बिजली पहुंचाने का काम हमारे नेता ने ही किया है. वहीं, जेडीयू नेता ललन सिंह ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या फार्मूला अपनाया, जरा बिहार की जनता को भी बता दीजिए. आपके पिता जेल क्यों गए ये भी तो जरा बिहार की जनता को बताइए. अपने बारे में कुछ नहीं बताते, अपने पिता के बारे में तो बताइए. ललन सिंह बिहार में भूमिहार समुदाय के बड़े नेता माने जाते हैं और जेडीयू के अहम चेहरा हैं.  

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वहीं, जेडीयू नेता विजेंद्र यादव ने लालू यादव पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि 1990 में तमाम लोग सीएम पद के उम्मीदवार थे, तब किसने सीएम बनवाया था. नीतीश कुमार ने जिनको मुख्यमंत्री बनवाया, वही उनके खिलाफ बोल रहे हैं. विजेंद्र यादव जेडीयू के यादव चेहरा माने जाते हैं, जो आरजेडी का परंपरागत वोटर माना जाता है. जेडीयू नेता संजय झा ने मिथिला पाग पहनाकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया. ऐसे में नीतीश कुमार ने मंच पर अपनी पार्टी के तमाम समुदाय के नेताओं को जगह ही नहीं दी बल्कि बोलने का मौका देकर एक राजनीतिक संदेश देने की भी कोशिश की है. 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सामाजिक समीकरण के साथ-साथ राजनीतिक समीकरण साधने की कवायद भी की है. नीतीश ने कोरोना काल में वापस आए प्रवासी मजदूरों को लेकर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे सवालों का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि इलाज से लेकर मौत होने की परिस्थिति में 4 लाख रुपया मुआवजा देना तय किया. राज्य भर के प्रवासी बिहारियों को 14 दिन क्ववारनटीन सेंटर में रखा. 15 लाख से ज्यादा लोग वापस बिहार आए और क्वारनटीन सेंटर पर एक व्यक्ति पर 14 दिन में 5,300 रुपये खर्च किए गए. हमने इस तरह से लोगों की सेवा की. 

नीतीश ने कहा कि केंद्र और हमने राशन के मामले में भी मदद की. हम प्रचार नहीं करते बल्कि सेवा करते हैं. कुछ लोग तो सिर्फ प्रचार में लगे हैं. कोरोना टेस्टिंग को लेकर नीतीश ने विरोधियों को इशारों-इशारों में लपेटा. उन्होंने कहा कि  बोलने वाले तो कुछ भी बोलते रहते हैं, उन्हें तथ्यों की जानकारी तो होती नहीं. आज बिहार में प्रतिदिन डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों की जांच हो रही. दस लाख की जनसंख्या पर 32,233 लोगों की जांच की गई. आरटी-पीसीआर जांच की क्षमता 11,350, लेकिन हम इसे बढ़ाकर 20 हजार करना चाहते हैं. भारत सरकार से हमें 10 हजार आरटी-पीसीआर जांच मशीन मिलने वाली है. 

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मुस्लिमों को साधने की रणनीति

नीतीश कुमार ने अपने 15 साल के काम की उपलब्धियों को भी लोगों के सामने रखा और साथ ही लालू-राबड़ी पर निशाना साथा. उन्होंने कहा कि हमसे पहले जिन लोगों ने सत्ता चलाई उन्होंने क्या किया, कब्रिस्तान और मंदिरों का हाल ही देख लीजिए. न कब्रिस्तान की घेराबंदी थी और न ही मूर्ति चोरी रोकने के उपाय. हमनें 6099 कब्रिस्तानों की घेराबंदी करवाई. मंदिर में मूर्ति चोरी रोकने के लिए 226 मंदिरों में चाहरदीवारी निर्माण कार्य पूरा कर दिया. हमने भागलपुर दंगों की जांच पूरी करवाई. कई ऐसे काम थे जो हमने करवाए.

बिहार की सड़क को बताया उपलब्धि

नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में पहले तो गड्ढे में सड़क दिखती थी, अब कोई भी खुद देख सकता है. हमको जब काम करने का मौका मिला तो हमने लक्ष्य रखा कि कहीं से भी राजधानी पटना आने में 6 घंटे से ज्यादा समय न लगे. वो लक्ष्य पूरा हुआ तो हमने अब समय को घटा कर 5 घंटे करने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए सड़कों का चौड़ीकरण और नए पुलों का निर्माण किया जा रहा है. 54,461 करोड़ रुपयों की लागत से हमने सड़कों का निर्माण करवाया है. सड़कों की गुणवत्ता सही रखने के लिए हमने इसे भी लोक शिकायत निवारण कानून के दायरे में लाया. उन्होंने इस बात को नए वोटरों को बताने की भी बात कही. 

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कानून व्यवस्था पर लगाम

नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में अपराध के ग्राफ में भी गिरावट आई. 2005 में हमने सत्ता संभाली और तब से लेकर हम अपराध पर जीरो टॉलरेंस का रुख अपनाए हुए हैं. बिहार में ज्यादातर अपराध की वजह भूमि विवाद है. इसके अलावा आपस में लोग परिवार का बंटवारा नहीं करते थे, क्योंकि रजिस्ट्री का चार्ज काफी ज्यादा होता था. लेकिन अब परिवार में बंटवारे के लिए 100 रुपये का सांकेतिक रजिस्ट्री चार्ज लगता है. इस तरह से अब ऐसे भी अपराध को हमने नियंत्रित करने का काम किया है. 

 

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