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बिहार विधानसभा में चुनाव में इस बार जिस नाम की सबसे ज्यादा चर्चा है वह है पुष्पम प्रिया चौधरी. छह माह पहले तक शायद ही बिहार और देश की जनता इस नाम से वाकिफ हो लेकिन अब राज्य के अखबारों से लेकर सड़कों पर पुष्पम प्रिया के नाम की चर्चा है. उसकी वजह भी है, उन्होंने कुछ महीने पहले ही अपनी एक पार्टी बनाई 'प्लूरल्स' और सीधे खुद को बिहार के मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित कर दिया. अब वह इस चुनाव में जमीन पर उतरकर मेहनत करती भी दिख रही हैं.
कौन हैं पुष्पम प्रिया चौधरी?
दरभंगा जिले की रहने वाली पुष्पम जेडीयू नेता और पूर्व MLC विनोद चौधरी की बेटी हैं. विश्व प्रसिद्ध लंदन स्कूल ऑफ इकॉनमिक्स से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स की डिग्री लेकर लौटी हैं. साथ ही प्लूरल्स पार्टी की प्रेसिडेंट हैं. इन्होंने बाकायदा अखबारों में विज्ञापन देकर अपनी पार्टी के बारे में जानकारी दी और खुद को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बताया. पंख लगा हुआ घोड़ा इनकी पार्टी का लोगो है और वह बिहार को भी इसी तरह के पंख लगाकर विकास की उड़ान देने का वादा कर रही हैं.
पुष्पम प्रिया ने मार्च के महीने में अपने जनसंपर्क अभियान की शुरुआत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा से की थी. जनसंपर्क अभियान की शुरुआत के दौरान उन्होंने कहा था कि 'प्लूरल्स' पार्टी का प्लान एकदम साफ है, वैश्विक शिक्षा और जमीनी अनुभव की साझेदारी हो ताकि बिहार में कृषि क्रांति, औद्योगिक क्रांति और नगरीय क्रांति की एक नई कहानी लिखी जा सके.
सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी
पुष्पम प्रिया के पास राजनीतिक विरासत जरूर है लेकिन उनका कोई सियासी अनुभव नहीं है. वह अब लगातार जनसंपर्क अभियान के जरिए लोगों को अपने साथ जोड़ने में जुटी हुई हैं. नए-नए लोगों को अपनी पार्टी की सदस्यता ग्रहण करा रही हैं. बिहार के कई जिलों और गांव का दौरा कर चुकी हैं और वहां के स्कूल, अस्पताल, सड़कों का जायजा ले रहे हैं. पुष्पम लगातार लोगों से मिल रही हैं और उन्हें अपनी नई पार्टी के मिशन के बारे में जानकारी दे रही हैं.
उनकी पार्टी इस चुनाव में सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. जानकारी के मुताबिक ज्यादातर युवाओं और शिक्षित उम्मीदवारों को 'प्लूरल्स' पार्टी का टिकट दिया जाएगा. पार्टी का कहना है कि बिहार चुनाव में वह सिर्फ विकास के एजेंडे के साथ उतर रहे हैं.