बिहार विधानसभा चुनाव में सत्तापक्ष से ज्यादा विपक्षी आरजेडी को अपने विधायकों के खिलाफ एंटी इनकम्बेंसी का डर सता रहा है. यही वजह है कि सूबे की सत्ता पर काबिज बीजेपी-जेडीयू से ज्यादा आरजेडी ने अपने मौजूदा विधायकों के टिकट काटे हैं. आरजेडी ने कुल 17 मौजूदा विधायकों के टिकट काटे हैं. इनमें से छह सीटें तो सीट शेयरिंग में सहयोगी दलों के पास चली गई है जबकि बाकी 11 सीटों पर मौजूदा विधायकों के टिकट काटकर नए चेहर को मैदान में उतारा गया है.
आरजेडी ने 11 विधायकों के टिकट काटे
आरजेडी ने अपने 11 विधायकों के टिकट काटकर नए चेहरे को उतरा है. इनमें गोरेयाकोठी सीट से सत्यदेव प्रसाद सिंह, तरैया से मुद्रिका राय, गड़खा से मुनेश्वर चौधरी, सहरसा से अरुण यादव, सिमरी बख्तियारपुर से जफर आलम, मखदुमपुर से सूबेदार दास, केसरिया से डॉ. राजेश कुमार, बरौली से नेमतुल्लाह, हरिसिद्धि से राजेंद्र कुमार, संदेश से अरुण कुमार और अतरी सीट से कुंती देवी का टिकट काटकर नए चेहरे मैदान में उतारे हैं. इसके अलावा ओबरा सीट से बिजेंदर प्रसाद और अरवल सीट से रविंद्र सिंह का टिकट काट दिया है.
सीट शेयरिंग में 6 सीटें लेफ्ट के खाते में गईं
आरजेडी ने अभी तक अपने 17 मौजूदा विधायकों को इस बार टिकट नहीं दिया है. इनमें छह उन विधायकों के टिकट कटे हैं, जिनकी सीटें महागठबंधन में वामपंथी दलों को दे दी गई है. अनवर आलम की आरा सीट और संजय कुमार की काराकाट सीट माले के खाते में चली गई. वहीं, गुलाब यादव की झंझारपुर सीट आरजेडी ने सीपीआई को दे दी है. जबकि, तेघड़ा से विधायक वीरेंद्र कुमार जेडीयू में चले गए हैं, जिसके चलते यह सीट सीपीआई को दे दी है. पालीगंज के विधायक जयवर्धन यादव जेडीयू में चले गए हैं, इसलिए आरजेडी ने ये सीट माले को दे दी है.
पांच विधायकों की सीट बदली
आरजेडी ने अपने पांच मौजूदा विधायकों की सीटें बदली दी हैं, जिनमें पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव को महुआ के बदले हसनपुर में उतारा गया है. भोला यादव को बहादुरपुर से हटा कर हायाघाट सीट से उम्मीदवार बनाया गया. पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम को राजापाकर से हटाकर पातेपुर सीट से मैदान में उतारा है. यदुवंश यादव को पिपरा सीट के बदले निर्मली सीट दी गई है. अब्दुल बारी सिद्दीकी को अलीनगर के बदले केवटी से उतारे जाने की संभावना है.
जेडीयू ने 10 विधायकों के टिकट काटे
एनडीए सीट शेयरिंग के चलते जेडीयू को अपने 10 मौजूदा विधायकों के टिकट काटने पड़े हैं, क्योंकि वह सीटें सहयोगी दलों को देनी पड़ी है. बाबूबरही सीट से कपिलदेव कामत, फुलपरास सीट से गुलजार देवी, बेनीपुर सीट से सुनील कुमार चौधरी, जीरादेई सीट से रमेश सिंह कुशवाहा, वैशाली सीट से राजकिशोर सिंह, सुल्तानगंज सीट से सुबोध राय, अमरपुर सीट से जनार्दन मांझी, राजगीर सीट से रवि ज्योति कुमार, डुमरांव सीट से ददन पहलवान और एकमा सीट से मनोरंजन सिंह उर्फ धूमल सिंह के टिकट काट दिए हैं.