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दाग अच्छे हैं! अपराधियों को टिकट देने के पीछे आरजेडी की 'तेजस्वी' दलील

आरजेडी के लिस्ट में मोकामा से उम्मीदवार अनंत सिंह का नाम ऐसे उम्मीदवार के तौर पर सामने आता है जिनके ऊपर हत्या जैसे गंभीर आरोप भी लगे हुए हैं मगर इसके बावजूद पार्टी ने उनको टिकट देकर अपना उम्मीदवार बनाया है.

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बिहार विधानसभा चुनावः तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव (फाइल फोटो-पीटीआई)
बिहार विधानसभा चुनावः तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव (फाइल फोटो-पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 22 उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन पर गंभीर केस दर्ज हैं
  • दागी उम्मीदवारों की जानकारी पार्टी ने शेयर की
  • अनंत सिंह पर 38 मामले इस वक्त चल रहे हैं

आरजेडी ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए जिन उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है उनमें से 22 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनके ऊपर हत्या जैसे गंभीर आरोप के साथ-साथ रंगदारी, आर्म्स एक्ट, धोखाधड़ी और मारपीट जैसे अपराधिक मामले लंबित हैं. चुनाव आयोग के निर्देशानुसार, आरजेडी ने अपने दागी उम्मीदवारों के बारे में जानकारी सोशल मीडिया समेत अन्य जगहों पर सार्वजनिक कर दिया है.

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आरजेडी के लिस्ट में मोकामा से उम्मीदवार अनंत सिंह का नाम ऐसे उम्मीदवार के तौर पर सामने आता है जिनके ऊपर हत्या जैसे गंभीर आरोप भी लगे हुए हैं मगर इसके बावजूद पार्टी ने उनको टिकट देकर अपना उम्मीदवार बनाया है. आरजेडी ने सोशल मीडिया पर अनंत सिंह के आपराधिक इतिहास का जो लेखा जोखा प्रस्तुत किया है उसके मुताबिक उनके ऊपर कुल 38 मामले इस वक्त चल रहे हैं, जिनमें हत्या का मामला भी शामिल है.

आरजेडी ने इसके बावजूद भी अनंत सिंह को टिकट दिया है. आरजेडी की दलील है कि अनंत सिंह अन्य उम्मीदवारों के मुकाबले ज्यादा लोकप्रिय नेता हैं. आरजेडी ने कहा है कि अनंत सिंह ने हमेशा गरीबों और वंचितों की मदद की है और इसी वजह से उनके ऊपर दर्जनों अपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं. पार्टी ने जानकारी दी है कि मोकामा से अनंत सिंह के चुनाव जीतने की पूरी संभावना है और इसी कारण से पार्टी ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है.

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इन पर दर्ज है आपराधिक मामला 

आरजेडी के अन्य उम्मीदवार जिनके ऊपर भी आपराधिक मामले दर्ज हैं उनमें बेलागंज से सुरेंद्र यादव, शाहपुर से राहुल तिवारी, जमुई से विजय प्रकाश, नोखा से अनीता देवी, देहरी से फतेह बहादुर सिंह, फतुहा से रामानंद यादव, रजौली से रेजाजुल हक, शेरघाटी से मंजू अग्रवाल, दिनारा से विजय कुमार मंडल, भभुआ से भरत बिंद, शाहपुर से राहुल तिवारी, बेलहर से रामदेव यादव, सूर्यगढ़ा से प्रहलाद यादव, संदेश से किरण देवी, मखदुमपुर से सतीश कुमार, जमुई से विजय प्रकाश, झाझा से राजेंद्र प्रसाद, रफीगंज से मोहम्मद निहालउद्दीन, सीतामढ़ी से सुनील कुमार, मीनापुर से राजीव कुमार, महुआ से मुकेश कुमार रोशन, दरभंगा ग्रामीण से ललित कुमार यादव और अतरी से अजय यादव शामिल हैं.

इन सभी उम्मीदवारों के पर रंगदारी, धोखाधड़ी, आर्म्स एक्ट और मारपीट जैसे मामले चल रहे हैं मगर इसके बावजूद पार्टी ने इन सब की लोकप्रियता और चुनाव जीतने की क्षमता को आधार बनाते हुए दोबारा टिकट दिया है.

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क्या कहते हैं JDU-LJP के नेता? 

वहींं, जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता राजीव रंजन ने इस पर कहा कि, “आरजेडी का चाल चरित्र और चेहरा कभी नहीं बदल सकता है. यह आरजेडी के द्वारा दिए गए जानकारी से साफ है. जिन उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या और रंगदारी जैसे मामले दर्ज हैं उनको टिकट दिया गया है और वजह बताई गई है कि वह काफी लोकप्रिय हैं और जीतने का माद्दा रखते हैं. अब यह स्पष्ट हो गया है कि बदलते हुए बिहार में राष्ट्रीय जनता दल बदलने के लिए तैयार नहीं है.”

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इधर, राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने अपनी पार्टी का बचाव करते हुए कहा “हमारे विरोधी आरोप लगाते हैं कि हम ने बाहुबली और अपराधी को टिकट दिया. जिनके घर शीशे के होते हैं वो दूसरों पर पत्थर नहीं फेंका करते. जब तक वह नेता बीजेपी और जेडीयू में रहता है तो वह संत और हरिश्चंद्र कहलाता है मगर आरजेडी में आते ही वह अपराधी, बलात्कारी और बाहुबली हो जाता है. जेडीयू को आरजेडी के ऊपर आरोप लगाने का कोई हक नहीं है क्योंकि उसने तो बालिका गृह कांड में संलिप्त मंजू वर्मा को टिकट दिया है.”

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