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बिहार चुनाव: CAA-NRC, घुसपैठ और बूचड़खाना, आखिरी चरण के प्रचार में छाए रहे ये मुद्दे

बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण की 78 सीटों पर प्रचार का शोर थम गया है. इस चरण के चुनावी प्रचार में सीएए-एनआरसी और घुसपैठ का मुद्दा छाया रहा. वहीं, पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर बिहार पर खास फोकस किया और भारत माता से लेकर जयश्रीराम और छठी मैया का जिक्र किया जबकि तेजस्वी यादव कमाई, पढ़ाई, दवाई और सिंचाई का जिक्र हर रैली में करते दिखे. 

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नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी
नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बिहार के तीसरे चरण की 78 सीटों पर 1208 प्रत्याशी
  • बिहार के आखिरी चरण में पीएम मोदी की दो रैलियां हुईं
  • राहुल गांधी ने आखिरी चरण में चार जनसभाएं कीं

बिहार के तीसरे और अंतिम चरण का चुनाव प्रचार गुरुवार को थम गया. तीसरे और आखिरी दौर में 15 जिलों की 78 सीटों पर शनिवार को होने वाले चुनाव में 1208 उम्मीदवार मैदान में हैं. यह चरण बिहार की सत्ता का फैसला करने वाला है, जिसके चलते एनडीए और महागठबंधन सहित तमाम राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी थी. इस दौर के प्रचार में सीएए-एनआरसी और घुसपैठ का मुद्दा सबसे ज्यादा छाया रहा. वहीं, पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर बिहार पर खास फोकस किया और भारत माता से लेकर जयश्रीराम और छठी मैया का जिक्र किया जबकि तेजस्वी यादव कमाई, पढ़ाई, दवाई और सिंचाई का जिक्र हर रैली में करते दिखे. 

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बिहार में किसकी कितनी रैली
बिहार चुनाव के तीसरे चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो जनसभाओं को संबोधित किया जबकि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने चार रैलियां कीं. जेडीयू की ओर से सीएम नीतीश कुमार ने एक दिन में पांच से चार रैलियों को संबोधित किया जबकि आरजेडी की तरफ से तेजस्वी यादव ने एक-एक दिन में 12 से 15 रैलियां की हैं. वहीं, AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी बिहार के सीमांचल में ही कैंप किए हुए थे और एक दिन में औसतन चार जनसभाएं कर रहे थे. इसके अलावा यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने तीसरे चरण में कुल 12 रैलियों को संबोधित किया जबकि एलजेपी चिराग पासवान ने भी आखिरी चरण में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. 

भारत माता-जयश्रीराम के नारे से दिक्कत: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरे चरण में अररिया और सहरसा में रैली अपनी और नीतीश सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए लालू परिवार पर जमकर हमले किए. प्रधानमंत्री ने कहा था कि बिहार की अनेक वीर माताएं अपने लाल, अपनी लाडलियों को राष्ट्ररक्षा के लिए समर्पित करती हैं जो देश की सीमा, संप्रभुता की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देते हैं, लेकिन बिहार को जंगलराज बनाने वालों के साथी और उनके करीबी चाहते हैं कि आप भारत माता की जय के नारे न लगाएं. ऐसे लोग चाहते हैं कि लोग जय श्री राम भी न बोलें. छठी मैया को पूजने वाली इस धरती पर, कैसे भारत माता और जय श्री राम के नारे न लगने दूं. ये भारत माता के विरोधी अब एकजुट होकर बिहार के लोगों से वोट मांग रहे हैं, लेकिन जिन्हें भारत माता से दिक्कत है तो बिहार के लोगों को भी उनसे दिक्कत है. इस तरह से नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रवाद के मुद्दे का खूब जिक्र किया.  

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ओवैसी का सीएए-एनआरसी पर रहा जोर
बिहार चनाव के आखिरी चरण में सीएए-एनआरसी का मुद्दा चुनावी एजेंडे में शामिल हो ही गया. सीमांचल के इलाके में मुस्लिम मतदाताओं को साधने के लिए AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी अपनी हर एक रैली में सीएए और एनआरसी मुद्दे का जिक्र करते हुए बीजेपी के साथ-साथ जेडीयू और आरजेडी पर भी निशाना साध रहे थे. ओवैसी ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस के द्वारा सीमांचल में बसे लोगों को घुसपैठिया कहा जा रहा था तो उस वक्त आरजेडी और कांग्रेस ने अपना मुंह नहीं खोला. सीएए ऐसा कानून है जो संविधान के खिलाफ हैं, जो हमारे संविधान की मूल भावना के खिलाफ हैं.एनआरसी और सीएए सिर्फ मुसलमान ही नहीं बल्कि हिंदुओं पर भी भारी पड़ेगा. 

नीतीश बोले- कोई नहीं होगा बाहर, तेजस्वी का इशारों में हमला
नीतीश कुमार ने गुरुवार को किशनगंज में कहा था, 'कुछ लोग दुष्प्रचार और ऐसी फालतू बातें कर रहे हैं कि लोगों को देश के बाहर कर दिया जाएगा. यहां से, देश से कौन किसको बाहर करेगा. किसी में दम नहीं है कि हमारे लोगों को देश से बाहर कर दे.' वहीं, तेजस्वी यादव इस मुद्दे पर खुलकर तो नहीं बोले, लेकिन इशारे में जरूर इसका जिक्र किया. सीमांचल में प्रचार करते हुए कहा कि 'नीतीश कुमार बीजेपी और आरएसएस की गोद में बैठे हुए हैं, राज्यसभा और लोकसभा में क्या करते हैं, पता है ना. हमने तो विपक्ष में रहते हुए भी नीतीश कुमार को मजबूर कर दिया है. समझ रहे हैं न आप लोग, हम क्या बात कर रहे हैं. हम खुलकर नहीं बोलेंगे.

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घुसपैठियों को खदेड़ने का मुद्दा

उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घुसपैठ का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा था, 'प्रधानमंत्री मोदी ने घुसपैठ के मसले का हल तलाश लिया है. सीएए के साथ, उन्होंने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में यातना का सामना करने वाले अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित की है. देश की सुरक्षा को भंग करने की कोशिश करने वाले किसी भी घुसपैठिए को बाहर निकाला जाएगा. बिहार का कटिहार का इलाका भी घुसपैठ की समस्या से त्रस्त है, बिहार में एनडीए की सरकार बनती है तो घुसपैठियों को देश से निकालकर बाहर करेंगे. 

गोवंश की तस्करी और बूचड़खाने का मुद्दा
बिहार चुनाव के आखिरी चरण में गौमाता से लेकर बूचड़खाने की चर्चा जोरों पर रही. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा था कि बिहार में गौमाता की तस्करी को रोक दिया गया है. अब सीमा पर गौ तस्करी नहीं होती है. उन्होंने कहा कि अब फिर से सरकार बनी, तो महज 15 दिनों के अंदर बिहार के सभी बूचड़खाने बंद कर दिए जाएंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि गरीब का बेटा देश का प्रधानमंत्री बनता है, तो विपक्ष के पूरे शरीर में दर्द होता है. इसके अलावा उन्होंने धारा 370 से लेकर राममंदिर तक का जिक्र किया. 

PM का आत्म निर्भर बिहार बनाने का वादा
आत्मनिर्भर भारत की तर्ज पर आत्म निर्भर बिहार को बनाने का वादा पीएम मोदी बिहार रैलियों में करते नजर आए. पीएम ने कहा कि कहा कि बिहार के लोग आत्मनिर्भर भारत-आत्मनिर्भर बिहार के लिए प्रतिबद्ध हैं, कटिबद्ध हैं, बीते साल में एक नए उदीयमान, आत्मनिर्भर और गौरवशाली अतीत से प्रेरित बिहार की नींव रखी जा चुकी है. अब इस मजबूत नींव पर एक भव्य और आधुनिक बिहार के निर्माण का समय है. आत्मनिर्भर बिहार के लिए हर जिलों के ऐसे उत्पादों को निखारने, संवारने के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. बिहार के हर जिले में कम से कम एक ऐसा उत्पाद है, जो देश-विदेश के बाजारों में धूम मचा सकता है. उन्होंने खादी, मखाने, मधुबनी पेंटिंग, जूट उद्योग आदि का जिक्र किया. धनतेरस, दिवाली, छठ का त्योहार आ रहा है, जिसमें लोकल चीजों को ही खरीदें. 

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ईवीएम नहीं एमवीएम 
बिहार चुनाव में आखिरकार ईवीएम का जिक्र भी रहा. राहुल गांधी ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग का मशीन (ईवीएम) का नाम मोदी वोटिंग मशीन (एमवीएम) है, लेकिन इस बार बिहार के युवाओं में गुस्सा है इसलिए मोदी वोटिंग मशीन के बावजूद महागठबंधन बिहार चुनाव जीतने जा रहा है. ऐसे में फिर ईवीएम हो या एमवीएम हो, नीतीश कुमार की हार टाल नहीं सकते. इसके अलावा राहुल गांधी ने नोटबंदी से लेकर तालेबंदी तक का जिक्र करके नरेंद्र मोदी पर हमला बोला. 

कमाई, पढ़ाई, दवाई और सिंचाई
तेजस्वी यादव बिहार चुनाव में शुरू से अपने मुद्दे पर ही कायम रहे. वह 10 लाख युवाओं को रोजगार का जिक्र हर रैली में करते दिखे. वो अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहते थे कि हमारा एजेंडा कमाई, पढ़ाई, दवाई और सिंचाई है. यही चुनाव के मुद्दे हैं. नीतीश सरकार ने 15 साल में बिहार में ऐसा हाल कर दिया है कि लोगों को रोजगार के लिए पलायन करना पड़ रहा. नीतीश कुमार जी थक चुके हैं, उनसे बिहार संभल नहीं रहा है. ऐसे में अब उन्हें हटाने और रोजगार देने वाली सरकार को चुनना है. 

 

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