
बिहार चुनाव के पहले चरण में मतदान संपन्न हो गया है. औरंगाबाद जिले के रफीगंज विधानसभा क्षेत्र के घटराइन ग्राम पंचायत के बड़का बिगहा गांव स्थित आंगनबाड़ी केंद्र के बूथ संख्या 321 पर ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया. पीठासीन अधिकारी समेत मतदान कराने पहुंचे कर्मचारी बूथ पर मतदाताओं का इंतजार करते रह गए, लेकिन दोपहर 2 बजे तक एक भी वोटर वोट देने नहीं पहुंचा.
जब इस मतदान केंद्र पर एक भी वोट नहीं पड़े तो प्रखंड के अधिकारियों की नींद उड़ गई. आनन-फानन में अधिकारी गांव पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने के प्रयास किए. अधिकारियों के लाख समझाने के बावजूद ग्रामीण नहीं माने. ग्रामीणों का कहना था कि आजादी के बाद से आज तक उनका गांव मुख्य सड़क से नहीं जोड़ा जा सका है. ऐसा तब है, जब मुखिया, जिला पार्षद, विधायक, सांसद समेत सभी जनप्रतिनिधियों ने आश्वासन दिए.
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि चुनाव जीतने के बाद किसी भी जनप्रतिनिधि ने इस गांव की ओर पलटकर नहीं देखा. ग्रामीणों ने गांव के मुहाने पर भी 'रोड नहीं तो वोट नहीं' जैसे नारे लिखे पोस्टर पहले से ही टांग रखे थे. इधर इस मामले में पंचायत के अन्य ग्रामीणों के साथ किसान संजय सिंह ने बताया कि एक राजनीतिक साजिश के तहत दलितों का रास्ता नहीं बनाया जा रहा है और उसका मुख्य दोषी स्थानीय मुखिया है.
उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण से संबंधित सारे कागजात भूमि अधिग्रहण के लिए डीएम के पास हैं, लेकिन अभी तक इस पर कोई पहल नहीं हो सकी है. मौके पर पहुंचे अधिकारी मतदान के लिए ग्रामीणों का मान मान-मनौव्वल करते रहे. शाम 4 बजे तक इस पोलिंग बूथ पर एक भी वोट नहीं पड़ा था. इस संबंध में पीठासीन अधिकारी ने कहा कि सभी मतदानकर्मी, सुरक्षाकर्मियों के साथ सुबह से ही मतदान कराने के लिए बैठे हैं, लेकिन बूथ की तरफ एक भी ग्रामीण नहीं आया.
मदनपुर के बीडीओ ने मतदान का समय समाप्त होने के बाद तक एक भी वोट नहीं डाले जाने की जानकारी दी और कहा कि लाख कोशिशों के बाद भी ग्रामीण नहीं माने. गौरतलब है कि तीन चरणों में हो रहे बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 53 फीसदी से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया.