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बिस्फी विधानसभा सीटः क्या तीसरी बार भी आरजेडी को मिलेगी जीत?

मधुबनी जिले की बिस्फी विधानसभा सीट पर आरजेडी के फैयाज अहमद विधायक हैं. 2015 के चुनाव में कुल 16 लोग चुनावी समर में थे, जिनमें 2 महिलाएं थीं. कुल 12 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी. इस चुनव में लगभग 52 फीसदी लोगों ने मतदान किया था.

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आरजेडी नेता और बिस्फी विधायक फैयाज अहमद (फाइल फोटो)
आरजेडी नेता और बिस्फी विधायक फैयाज अहमद (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • फैयाज अहमद हैं बिस्फी के विधायक
  • आरजेडी के बड़े नेताओं में हैं शामिल
  • लगातार 2 बार से जीत रहे चुनाव

बिस्फी विधानसभा सीट मधुबनी जिले के अंतर्गत आती है. इस सीट का लोकसभा क्षेत्र मधुबनी लोकसभा क्षेत्र ही है. बिहार की 243 विधानसभाओं में से एक इस सीट का सीट क्रमांक 35 है.

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यह विधानसभा उन चुनिंदा विधानसभाओं में से एक है, जहां 2,77,683 वोटर्स हैं. पुरुष वोटरों की संख्या 1,44,640 है, वहीं 1,33,038 महिला वोटर इस विधानसभा में हैं. इस विधानसभा सीट से फैयाज अहमद विधायक हैं. 

2015 का चुनाव

2015 के चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल के प्रत्याशी फैयाज अहमद को यहां से जीत मिली थी. उन्होंने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के प्रत्याशी मनोज कुमार यादव को चुनाव में हराया था. महागठबंधन बनाम एनडीए की लड़ाई में जीत, महागठबंधन की हुई थी. तब राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी एनडीए का हिस्सा थी, वहीं जनता दल यूनाइटेड, महागठबंधन की. ऐसे में नीतीश-लालू फैक्टर यहां काम किया और जीत, फैयाज अहमद की हुई.

2015 के चुनाव में कुल 16 लोग चुनावी समर में थे, जिनमें 2 महिलाएं थीं. कुल 12 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी. इस चुनाव में लगभग 52 फीसदी लोगों ने मतदान किया था. हालांकि 2010 के चुनाव में भी इस सीट पर फैयाज अहमद की जीते थे. उन्होंने जेडूयी के हरिभूषण ठाकुर को मात दी थी. 

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सीट का इतिहास

इस विधानसभा सीट पर पहली बार 1967 में चुनाव हुआ. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के नेता आरके पूर्बे को इस सीट से जीत मिली. उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी नूरिद्दीन को मात दी थी. 1969 के चुनाव में भी आरके पूर्बे ही जीते. 1967 से 2000 तक यह सीट कभी कांग्रेस के पाले में गई, तो कभी सीपीआई के. वाम दलों की इस विधानसभा में 1995 तक पैठ रही. 

विधायक के बारे में 

फैयाज अहमद का जन्म मधुबनी जिले के चंद्रसैनपुर में हुआ था. फैयाज अहमद एमए और पीएचडी हैं. राजनीति में उतरने से पहले वे समाजसेवा के क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं. साल 2005 में इन्होंने राजनीति में एंट्री ली. 2010 से 2015 तक ये विधायक रहे. 2015 में एक बार फिर इन्हें जीत मिली. अब तक इन्होंने दो बार विदेश यात्राएं की हैं. साउदी अरब और इंग्लैंड जा चुके हैं. 

देखने वाली बात यह होगी कि लगातार 10 साल से इस विधानसभा सीट पर काबिज आरजेडी, तीसरी बार भी जीत की हैट्रिक लगाती है या नहीं?
 

किस-किसके के बीच है मुकाबला?

बिस्फी विधानसभा सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला है. अब यह हाई प्रोफाइल सीट के तौर पर उभर आई है. इस विधानसभा सीट पर तीन दिग्गज-आमने सामने हैं. महागठबंधन, एनडीए और प्लूरल्स पार्टी की लड़ाई इस विधानसभा सीट पर कांटे की है. महागठबंधन की ओर से इस सीट के मौजूदा विधायक और आरजेडी प्रत्याशी डॉक्टर फैयाज अहमद एक बार फिर चुनावी समर में हैं. एनडीए की ओर से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी हरिभूषण ठाकुर हैं. वहीं प्लूरल्स पार्टी की उम्मीदवार पुष्पम प्रिया भी मैदान में हैं. पुष्पम प्रिया के सामने आने से इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला हो गया है.

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पुष्पम प्रिया पहले अखबार की सुर्खियां बनीं, फिर सोशल मीडिया पर छा गईं, ऐसे में इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होता दिख रहा है. अन्य राजनीतिक दलों में समाजवादी जनता दल डेमोक्रेटिक की ओर से यूसफ, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी तौकीर, जनतांत्रिक लोकहित पार्टी के अवधेश कुमार चुनावी समर में भाग्य आजमा रहे हैं.

 

54.39% लोगों ने किया वोट

बिस्फी विधानसभा में 7 नवंबर को तीसरे चरण के तहत वोटिंग हुई. तीसरे चरण में 15 जिलों की 78 सीटों पर चुनाव संपन्न हुए थे. बिस्फी सीट पर कुल 54.39% फीसदी लोगों ने वोट किया है. चुनाव के नतीजे 10 नवंबर को घोषित किए जाएंगे.

 

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