बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में बागी नेता पार्टी प्रत्याशियों के लिए बड़ी मुसीबत से कम नहीं हैं. हम बात कर रहे हैं सहरसा विधानसभा की. यहां से बीजेपी प्रत्याशी के लिए बागी नेता सिरदर्द बन गए हैं. हालांकि बीजेपी प्रत्याशी का कहना है कि उनकी टक्कर महागठबंधन के प्रत्याशी से है, लेकिन चर्चा ये है कि इस सीट से त्रिकोणीय मुकाबला होने जा रहा है.
बिहार के सहरसा जिले की सहरसा विधानसभा सीट से बीजेपी ने आलोक रंजन को चुनाव मैदान में उतारा है. वहीं पार्टी के इस फैसले से नाराज बीजेपी नेता व पूर्व विधायक किशोर कुमार खफा हो गए. किशोर कुमार खुद के लिए टिकट मांग रहे थे. टिकट न मिलने के बाद वे यहां से निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर चुके हैं. अब हालत ये है कि पहले से चुनाव प्रचार की तैयारी कर रहे किशोर कुमार की नजर उन क्षेत्रों पर है, जहां बीजेपी के बड़ी संख्या में वोटर हैं. वहीं बीजेपी प्रत्याशी आलोक रंजन भी इन्हीं क्षेत्रों पर फोकस कर रहे हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव 2020
निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे किशोर कुमार से जब बात की गई, तो उन्होंने बताया कि पीएम मोदी से प्रभावित होकर बीजेपी में आया था. आज भी पीएम मोदी और नीतीश कुमार की नीतियों से प्रभावित हूं, लेकिन पार्टी द्वारा जिस नेता को टिकट दिया गया, उससे सहमत नहीं हूं. उन्होंने कहा कि कुछ लोग पार्टी को दीमक की तरह खा रहे हैं. किशोर कुमार ने कहा कि चुनाव में उनकी टक्कर बीजेपी प्रत्याशी से नहीं है, बल्कि महागठबंधन प्रत्याशी के साथ है.
वहीं बीजेपी प्रत्याशी आलोक रंजन ने कहा कि बागी नेता महज वोट कटवा साबित होंगे. निर्दलीय प्रत्याशी किशोर कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव लड़ना उनका पेशा है. ऐसा कोई चुनाव नहीं है, जो किशोर कुमार ने लड़ा न हो. उनका काम लोगों को भ्रमित करना है.