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अतरी विधानसभा सीट: RJD का गढ़, जहां सेंधमारी की तैयारी में हैं नीतीश

अतरी को आरजेडी का गढ़ माना जाता है, लेकिन 2010 के चुनाव में जेडीयू ने सेंधमारी की और उसके टिकट पर कृष्ण नंदन यादव चुनाव जीते. 2015 के चुनाव में आरजेडी के हिस्से में यह सीट आई और उसके टिकट पर कुंती देवी यादव विधायक बनीं.

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आरजेडी विधायक कुंती देवी यादव
आरजेडी विधायक कुंती देवी यादव

गया जिले के अतरी विधानसभा सीट पर सियासी सरगर्मियां तेज हैं. यह सीट जहानाबाद लोकसभा क्षेत्र में आती है. अतरी को आरजेडी का गढ़ माना जाता है, लेकिन 2010 के चुनाव में जेडीयू ने सेंधमारी की और उसके टिकट पर कृष्ण नंदन यादव चुनाव जीते. 2015 के चुनाव में आरजेडी के हिस्से में यह सीट आई और उसके टिकट पर कुंती देवी यादव विधायक बनीं.

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अतरी विधानसभा सीट का राजनीतिक इतिहास
अतरी विधानसभा सीट पर 1951 में पहला चुनाव हुआ था और निर्दलीय प्रत्याशी रामेश्वर प्रसाद यादव जीतने में कामयाब हुए थे. इसके बाद 1956 और 1962 में कांग्रेस के टिकट पर शिवरत्न सिंह जीते. 1967 के चुनाव में किशोरी प्रसाद जीतीं. 1969 में बाबू लाल सिंह, 1972 में महेश्वर प्रसाद सिंह जीते. 1988 में जनता पार्टी के टिकट पर मुद्रिका सिंह जीतीं. 1980 में कांग्रेस के टिकट पर सुरेंद्र प्रसाद जीते.

1985 और 1990 में कांग्रेस के टिकट में रंजीत सिंह जीते. 1995 में जनता दल के टिकट पर राजेंद्र प्रसाद जीते. इसके बाद वह लगातार तीन बार (1995, 2000 और 2005 - फरवरी) विधायक रहे. अक्टूबर 2005 में हुए चुनाव में आरजेडी की कुंती देवी यादव जीतीं. 2010 में जेडीयू के कृष्ण नंदन यादव जीते. कुंती देवी यादव ने 2015 में फिर वापसी की और आरजेडी के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचीं.

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कौन-कौन है मैदान में?
लोक जनशक्ति पार्टी- अरविंद कुमार सिंह
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी- अजय कुमार सिन्हा
राष्ट्रीय जनता दल- अजय यादव
जनता दल (यूनाइटेड)- मनोरमा देवी

कब हुआ चुनाव? 
पहला चरण – 28 अक्टूबर, 2020
नतीजा – 10 नवंबर, 2020

कितने फीसदी मतदान?

अतरी विधानसभा सीट पर पहले चरण में मतदान हुआ था. इस दौरान 54.80 फीसदी लोगों ने वोट डाले थे.

 

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