लोक जनशक्ति पार्टी भले ही बिहार चुनाव में एनडीए से बाहर हो चुकी है मगर इसके बावजूद भी चुनाव में लोक जनशक्ति पार्टी की भूमिका को लेकर भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड में तनाव बरकरार है.
बीजेपी के नाराज नेताओं का लोजपा में शामिल होने का सिलसिला राजेंद्र सिंह से हुआ. राजेंद्र सिंह बिहार बीजेपी के उपाध्यक्ष से और बिहार में आर एस एस का चेहरा माने जाते थे मगर पिछले दिनों टिकट नहीं मिलने से नाराज राजेंद्र सिंह ने लोक जनशक्ति पार्टी का दामन थाम लिया है.
लोजपा ने राजेंद्र सिंह को दिनारा विधानसभा से बिहार सरकार के मंत्री और जनता दल यूनाइटेड उम्मीदवार जय कुमार सिंह के खिलाफ टिकट देकर मैदान में उतार दिया है. 2015 में भी जय कुमार सिंह के खिलाफ बीजेपी ने राजेंद्र सिंह को टिकट दिया था मगर वह चुनाव हार गए थे.
उधर मंगलवार को बीजेपी के दो पूर्व विधायकों ने भी लोक जनशक्ति पार्टी का दामन थाम लिया जिसमें उषा विद्यार्थी और रामेश्वर चौरसिया शामिल है. बीजेपी से इन दोनों नेताओं ने दिल्ली में चिराग पासवान के सामने लोक जनशक्ति पार्टी की सदस्यता ग्रहण की.
चिराग पासवान की पार्टी में शामिल होने के तुरंत बाद उषा विद्यार्थी को पालीगंज विधानसभा से लोजपा का टिकट मिल गया. उषा विद्यार्थी पालीगंज सीट से जनता दल यूनाइटेड के उम्मीदवार जयवर्धन यादव को चुनौती देंगी. उषा विद्यार्थी बिहार राज्य महिला आयोग की सदस्य भी हैं.
रामेश्वर चौरसिया को भी पार्टी में शामिल होने के बाद चिराग पासवान ने उन्हें सासाराम विधानसभा से लोजपा उम्मीदवार बनाया है.
“असली एनडीए बीजेपी और लोजपा हो गई है. जदयू को एनडीए का हिस्सा मानता ही नहीं है भाजपा कार्यकर्ता. बीजेपी का कार्यकर्ता नीतीश कुमार से बहुत नाराज हैं, चाहे उनकी कार्य शैली हो या भ्रष्टाचार”, लोक जनशक्ति पार्टी में शामिल हुए रामेश्वर चौरसिया ने कहा
लोक जनशक्ति पार्टी में शामिल होने का सिलसिला केवल बीजेपी के बागी नेताओं तक नहीं सीमित है. 2 दिन पहले जेडीयू नेता भगवान सिंह कुशवाहा भी पार्टी छोड़कर लोक जनशक्ति पार्टी में शामिल हो गए.
बीजेपी के बागी नेताओं के लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने से जेडीयू में नाराजगी है. बताया जा रहा है कि बीजेपी के लाख बनाने के बावजूद भी बागी नेता माने नहीं और उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी से चुनाव लड़ने का फैसला कर दिया.
बीजेपी के बागी नेताओं को लेकर बिहार चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस ने भी अपनी नाराजगी व्यक्त की है और कहा है “मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि जो भी उम्मीदवार एनडीएस गठबंधन से लड़ेगा वह हमारा और जो एनडीए गठबंधन के बाहर किसी और दल से चुनाव लड़ेगा वह हमारा नहीं”.
सूत्रों के मुताबिक जनता दल यूनाइटेड बीजेपी पर लगातार दबाव बना रही है कि वह अपने चुनावी प्रचार प्रसार के दौरान लोक जनशक्ति पार्टी को लेकर अपनी स्थिति को स्पष्ट करते रहें ताकि लोगों के बीच कन्फ्यूजन ना हो.
जनता दल यूनाइटेड चाहती है कि बीजेपी लगातार चुनाव के दौरान लोगों को बताते रहे कि एनडीए के नेता नीतीश कुमार ही है और लोक जनशक्ति पार्टी बीजेपी की "B टीम" नहीं है. जनता दल यूनाइटेड को यह पता है कि चुनाव में लोक जनशक्ति पार्टी के उम्मीदवार किसी को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं तो वह जदयू के उम्मीदवार है.