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बिहारः कन्हैया कुमार के चुनाव लड़ने पर संशय, वाम दलों को महागठबंधन के फैसले का इंतजार

वरिष्ठ आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद के देहांत के बाद गठबंधन और सीटों को लेकर दलों के बीच औपचारिक बातचीत अभी तक नहीं हो पाई है. इतना ही नहीं जेएनयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार का विधानसभा चुनाव लड़ना भी अभी तक तय नहीं है.

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कन्हैया कुमार (फाइल फोटो-PTI)
कन्हैया कुमार (फाइल फोटो-PTI)

बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने के साथ ही तमाम पार्टियों को अपने-अपने गठबंधन में सम्मानजनक सीटें मिलने की चिंता सता रहा है. एनडीए में सीटों को लेकर खींचातानी जारी है तो वहीं महागठबंधन में भी दलों को सीट बंटवारे पर माथापच्ची करनी पड़ रही है. जीतनराम मांझी के छोड़ जाने और उपेंद्र कुशवाहा का रुख स्पष्ट ना होने के चलते महागठबंधन के दूसरे घटक दल वामपंथी पार्टियों को सम्मानजनक सीटें मिलने की उम्मीद है.

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लेफ्ट के सूत्रों के मुताबिक, सीपीआई, सीपीएम और सीपीआई एमएल कुल मिलाकर 30 से 40 सीटों पर उम्मीदवार उतारना चाहते हैं, लेकिन अभी तक कांग्रेस और आरजेडी के गठबंधन वाले महागठबंधन से उन्हें कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला है. वरिष्ठ आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद के देहांत के बाद गठबंधन और सीटों को लेकर दलों के बीच औपचारिक बातचीत अभी तक नहीं हो पाई है. इतना ही नहीं जेएनयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार का विधानसभा चुनाव लड़ना भी अभी तक तय नहीं है.

कन्हैया कुमार, 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन उन्हें जीत नहीं मिली थी. ऐसे में फिर कयास लगाए जा रहे थे कि कन्हैया कुमार अपने गृह जिले की किसी विधानसभा सीट से विधानसभा चुनाव भी लड़ सकते हैं. हालांकि सीपीआई ने अभी तक उनकी उम्मीदवारी पर मुहर नहीं लगाई है. फिलहाल लेफ्ट पार्टियां महागठबंधन में अपनी सीटें मिलने का इंतजार कर रही हैं.

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सीपीआई के महासचिव डी राजा ने आजतक से बातचीत करते हुए कहा, 'बिहार विधानसभा चुनाव में हमारी प्राथमिकता है कि किसी भी तरह से बीजेपी महागठबंधन को हराया जाए. मांझी के जाने और कुशवाहा के असमंजस को देखते हुए लेफ्ट पार्टियों को महागठबंधन में सम्मानजनक सीटें मिलनी चाहिए.'

जाहिर है कि सीपीआई ने औपचारिक रूप से अभी भी अपनी मांगे साफ नहीं रखी है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक बातचीत का दौर वामपंथी पार्टियों और महागठबंधन के साथ जारी है. आजतक को सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक वामपंथी पार्टियों के प्रतिनिधि लालू प्रसाद यादव से भी संपर्क साधने की कोशिश कर रहे हैं. जाहिर है महागठबंधन के दूसरे घटक दल भी लालू प्रसाद यादव के सलाह का इंतजार कर रहे होंगे.

 

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