प्रदेश की वीआईपी सीट में से एक नवादा विधानसभा सीट पर तीन दशक से पूर्व विधायक राजवल्लभ यादव और वर्तमान विधायक कौशल यादव के परिवारों का ही कब्जा है. अभी इस सीट से जेडीयू के कौशल यादव विधायक हैं, जो कि राजवल्लभ यादव को उम्रकैद की सजा मिलने के बाद उपचुनाव में विजयी हुए थे.
नवादा सीट का राजनीतिक इतिहास
1962 में जनसंघ से गौरीशंकर केसरी ने नवादा सीट पर कब्जा जमाया था लेकिन 2 साल बाद हुए चुनाव में कांग्रेस ने फिर इस सीट पर कब्जा कर लिया. 1969 में दोबारा से जनसंघ उम्मीदवार गौरीशंकर केसरी चुनाव जीते. उसके बाद के चुनावों में कभी कांग्रेस तो कभी सीपीएम उम्मीदवार की इस सीट पर जीत हुई. 1990 में बीजेपी के कृष्णा प्रसाद इस सीट से चुनाव लड़े और जीत हासिल की. बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीते कृष्णा प्रसाद बाद में आरजेडी में शामिल हो गए. कृष्णा प्रसाद के सड़क हादसे में निधन के बाद छोटे भाई राजबल्लभ यादव कृष्णा प्रसाद की विरासत को संभाला.
राजबल्लभ यादव ने 1995 का चुनाव निर्दलीय लड़कर जीत हासिल की. 2000 का चुनाव राजबल्लभ यादव ने आरजेडी से लड़ा और जीत हासिल की और सरकार में मंत्री भी बने. हालांकि इस चुनाव के बाद राजबल्लभ यादव की जीत पर कुछ वर्षों के लिए लगाम लग गया. अगले तीन चुनावों में पूर्णिमा यादव से राजबल्लभ यादव को शिकस्त खानी पड़ी. 2015 में जेडीयू-आरजेडी और कांग्रेस के महागठबंधन से राजबल्लभ एक बार फिर चुनाव जीत गए. 2018 में राजबल्लभ को उम्रकैद की सजा मिलने के बाद सदस्यता चली गई. 2019 में इस सीट पर हुए उपचुनाव में जेडीयू से कौशल यादव को जीत मिली.
कौन-कौन है मैदान में?
लोक जनशक्ति पार्टी- शशि भूषण कुमार
हिंदुस्तानी अवाम मंच- राजेश कुमार निराला
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी- धीरेंद्र कुमार
राष्ट्रीय जनता दल- विभा देवी
जनता दल यूनाइटेड- कौशल यादव
कब हुआ चुनाव?
पहला चरण – 28 अक्टूबर
नतीजा – 10 नवंबर
कितने फीसदी मतदान?
नवादा विधानसभा सीट पर पहले चरण में मतदान हुआ था. इस दौरान 50.8 फीसदी लोगों ने वोट डाले थे.