बिहार विधानसभा चुनाव 2020 की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. 28 अक्टूबर को प्रथम चरण का मतदान होगा, तो वहीं सुपौल जिले में तीसरे चरण में सात नवंबर को मतदान होगा. ऐसे में चाय और मिठाई की दुकानों पर चुनावी चर्चा शुरू हो गई है. चाय की चुस्की के साथ प्रत्याशियों के चयन व उनकी हार-जीत का गणित लगाया जा रहा है. इतना ही नहीं चर्चा में इस बात के भी कयास लग रहे हैं कि चुनाव बाद बिहार की गद्दी पर कौन बैठने जा रहा है.
सुपौल जिले के हर विधानसभा क्ष्रेत्र में इन दिनों चुनावी चर्चा का दौर शुरू हो गया है. चाय की चुस्की के साथ लोग सरकार बनाते और गिराते नजर आ रहे हैं. कोई जातीय समीकरण पर किसी को जिता रहा है, तो कोई विकास कार्यों को आधार बना रहा है.
कौन बनाएगा सरकार?
चाय की दुकान पर हो रही इस चुनावी चर्चा में विकास, भ्रष्टाचार, अपराध जैसे विभिन्न मुद्दे शामिल हैं. खास बात ये है कि नेताओं के बीच चल रही जुबानी जंग पर भी इन चाय के अड्डों पर बहस हो रही है.
युवा नेताओं पर नजरें
चाय पर हो रही इस चुनावी चर्चा में स्थानीय मुद्दे तो शामिल हैं ही, लेकिन बात पूरे बिहार की भी हो रही है. कोई युवा नेता तेजस्वी पर दांव लगा रहा है, तो कोई फिर से नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बना रहा है. इस राजनीतिक बहस में लोगों के बीच जमकर तू तू मैं मैं भी हो रही है, लेकिन जैसे ही चाय का गिलास खाली होता है, ये बहस भी शांत हो जाती है.
(इनपुट-रामचंद्र)