बिहार विधानसभा चुनाव में मतदाता और मतदान कर्मियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए चुनाव आयोग कमर कसे हुए है. इस बार के चुनाव में तमाम तरह के इंतजाम किए गए हैं. लेकिन चुनाव आयोग ये जान कर हैरान है कि पहले चरण के मतदान में शामिल होने जा रहे करीब 3.5 लाख बुजुर्ग मतदाता कोरोना से खौफ नहीं खाते. उन्होंने तय किया है कि वह पोलिंग स्टेशन पर जाकर ही अपना वोट देंगे. जबकि चुनाव आयोग ऐसे मतदाताओं को पोस्टल बैलेट का विकल्प ऑफर कर चुका है.
चार लाख मतदाताओं से संपर्क
निर्वाचन आयोग के मुताबिक राज्य में 28 अक्टूबर को निर्धारित पहले चरण के मतदान के लिए बूथ लेवल ऑफिसर्स ने करीब चार लाख बुजुर्ग मतदाताओं से संपर्क किया. इसमें 80 वर्ष से ज्यादा आयु वाले वो सभी मतदाता शामिल हैं, जिनका नाम वोटर लिस्ट में शामिल है. इन सभी को चुनाव आयोग की तरफ से पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान का विकल्प दिया गया. ताकि वह करोना संक्रमण से सुरक्षित होकर मतदान में शामिल हो सकें.
52 हजार ने ही चुना पोस्टल बैलेट विकल्प
बुजुर्ग मतदाताओं से संपर्क के इस अभियान का फीडबैक चौंकाने वाला है. चार लाख में करीब 52 हजार बुजुर्ग मतदाताओं ने ही पोस्टल बैलेट का विकल्प चुना. शेष करीब 3.5 लाख बुजुर्ग मतदाताओं ने साफ कहा कि वह मतदान केंद्र पर जाकर अपना वोट देना चाहते हैं. उन्हें कोरोना का डर नहीं और शारीरिक रूप से भी वह सक्षम हैं.
71 विधानसभा सीटों पर होना है मतदान
राज्य के 71 विधानसभा क्षेत्रों में पहले चरण के तहत मतदान 28 अक्टूबर को होना है. इसके लिए तैयारियां अंतिम चरण में हैं. कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए 80 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं को पोस्टल बैलेट से मताधिकार के प्रयोग का अधिकार दिया गया है. इसके अलावा दिव्यांग श्रेणी और कोरोना संक्रमण के चलते आइसोलेशन में चल रहे मरीजों को भी पोस्टल बैलेट का विकल्प दिया जा रहा है.
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