scorecardresearch
 

बिहार: दागियों पर मेहरबान सियासी दल, अभी साइट पर अपलोड नहीं हुआ डेटा

पहले चरण के 32 फीसदी और दूसरे चरण के 34 फीसदी अपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों का ब्योरा एकाध राजनीतिक दल के अलावा किसी ने भी अपनी वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया.

Advertisement
X
बिहार में पहले चरण का मतदान जारी (सांकेतिक तस्वीर)
बिहार में पहले चरण का मतदान जारी (सांकेतिक तस्वीर)

बिहार में पहले चरण का मतदान हो रहा है, लेकिन राजनीतिक दलों ने सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन और निर्वाचन आयोग के फरमान को बस उतनी ही अहमियत दी है, जिससे वक्त ज़रूरत पर बचाव किया जा सके. पहले चरण के 32 फीसदी और दूसरे चरण के 34 फीसदी अपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों का ब्योरा एकाध राजनीतिक दल के अलावा किसी ने भी अपनी वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया.

Advertisement

ना ही राज्य के लोकप्रिय अखबारों या न्यूज चैनल पर प्रकाशित प्रसारित किया. हां, मुमकिन है किसी छोटे अखबार में छपवा कर खानापूरी कर दी गई हो ताकि कभी कोई कोर्ट या आयोग में चला ही जाए तो मुंह पर कालिख ना पुते. निर्वाचन और लोकतांत्रिक संस्थाओं की विसंगतियो और गड़बड़ियों की पूरी खबर रखने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर ने अपनी ताज़ा रिसर्च रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी है.

रिपोर्ट का आधार वही नामांकन के समय उम्मीदवारों का हलफनामा है. बिहार में अब दूसरे चरण के मतदान के लिए भी अपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों की कुंडली सामने आ गई है. पहले चरण में कुल उम्मीदवारों में से 32 फीसदी अपराधिक रिकॉर्ड वाले हैं तो दूसरे चरण में 34 फीसदी. तीसरे और आखिरी चरण के उम्मीदवारों की कुंडली खंगाली जा रही है. 

Advertisement

देखें: आजतक LIVE TV

दूसरे चरण में कुल 1463 उम्मीदवारों में से 34 फीसदी यानि 502 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ चल रहे अपराधिक मुकदमों की जानकारी हलफनामे में बताई है. हलफनामों को खंगालने से पता चला है कि कुल 27 फीसदी यानि 389 उम्मीदवार गंभीर अपराधों जैसे हत्या, डकैती, अपहरण, बलात्कार जानलेवा हमले के आरोपी हैं. इन गैरजमानती धाराओं के तहत आरोप सिद्ध होने पर पांच साल से भी ज़्यादा की सज़ा का प्रावधान है.

आरजेडी के 56 उम्मीदवारों में से 64 फीसदी यानि 36, बीजेपी के 46 उम्मीदवारों में से 29 , एलजेपी के 52 में से 28 अपराधिक रिकॉर्ड के सार्टिफिकेट लेकर चल रहे हैं. कांग्रेस के 24 में से 14, बीएसपी के 33 में से 16 और सत्तारूढ़ जदयू के 43 में से 20 उम्मीदवार अपराधिक रिकॉर्ड वाले हैं. इनमे से आधे से ज्यादा पर गंभीर धाराओं वाले आरोप हैं. 

सभी पार्टियों के कुल उम्मीदवारों में से 49 के खिलाफ तो महिलाओं के साथ अपराध की एफआईआर दर्ज है, जबकि इनमें से ही चार तो बलात्कार तक के आरोपी हैं. अब धनबल वालों पर भी एडीआर की रिसर्च रिपोर्ट कहती है कि 34 फीसदी उम्मीदवारों की सम्पदा करोड़ों में है, जबकि बिना सम्पदा वाले सिर्फ तीन उम्मीदवार हैं. 

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement