scorecardresearch
 

नीतीश के खिलाफ LJP का हल्लाबोल, JDU के खिलाफ प्रत्याशी उतार सकते हैं चिराग

LJP के सदस्यों का कहना है कि पार्टी को JDU के खिलाफ उम्मीदवार उतारना चाहिए. क्योंकि JDU कह रही है कि उनका गठबंधन BJP से है ना कि LJP से.

Advertisement
X
जेडीयू के खिलाफ प्रत्याशी उतारेंगे चिराग (फाइल फोटो)
जेडीयू के खिलाफ प्रत्याशी उतारेंगे चिराग (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • नीतीश से नाराज हैं एलजेपी कार्यकर्ता
  • जेडीयू के खिलाफ प्रत्याशी उतारेगी एलजेपी
  • चिराग ने मांझी के खिलाफ बयानबाजी से किया मना

बिहार चुनाव में एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) का चेहरा भले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं लेकिन इस बार गठबंधन में उनकी स्वीकार्यता कमजोर होती दिख रही है. खासकर लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान जिस तरह से उन पर हमला कर रहे हैं, उससे एक बात और स्पष्ट होती है कि वो गठबंधन में अपनी स्थिति और मजबूत करना चाहते हैं. सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि सोमवार को LJP के बिहार संसदीय बोर्ड की बैठक में सभी सदस्यों ने सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. 

Advertisement

LJP के सदस्यों की राय है कि पार्टी को नीतीश के नेतृत्व में चुनाव नहीं लड़ना चाहिए. सदस्यों का कहना है कि JDU कह रही है कि उनका गठबंधन BJP से है ना कि LJP से. ऐसे में पार्टी को JDU के खिलाफ उम्मीदवार उतारना चाहिए. 

कार्यकर्ताओं से सुझाव लेकर आए सभी सदस्यों ने कहा कि मुख्यमंत्री के नाम से प्रदेश की जनता में उत्साह नहीं है. सभी सदस्यों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि बिहार में अधिकारी ही सरकार चला रहे हैं. बिहार LJP के संसदीय सदस्यों ने कहा कि कोरोना में चुनाव करवाने की बात से प्रदेश में मुख्यमंत्री के खिलाफ नाराजगी है. 

वहीं लोकसभा में JDU संसदीय दल के नेता और मुंगेर के सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के कालीदास वाले बयान को लेकर भी सदस्यों के बीच नाराजगी देखने को मिल रही है. हालांकि पूर्व सीएम जीतन राम मंझी को लेकर सभी को हिदायत दी गई है कि कोई भी पार्टी सदस्य उनके खिलाफ बयानबाजी नहीं करेगा. क्योंकि वो भी उसी परिवार से आते हैं. 

Advertisement

चिराग पासवान ने बैठक के दौरान सभी लोगों की बात सुनी और उनसे कहा कि हमारी किसी से व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है. बिहार में जो कमी है उन्हीं मुद्दो पर बात करनी है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की प्राथमिकता बिहारी और बिहार है. 

बिहार संसदीय बोर्ड में सबसे अधिक महत्वपूर्ण बात चुनाव लड़ने को लेकर हुई. जिसमें स्पष्ट किया गया कि बोर्ड 143 विधानसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों की सूची बनाकर जल्द ही केंद्रीय संसदीय बोर्ड को सौपेंगा. पार्टी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को गठबंधन पर फैसला लेने का अधिकार दिया है. यानी कि सीटों के बंटवारे और गठबंधन पर फैसला चिराग पासवान का ही होगा. 

 

Advertisement
Advertisement