इन दिनों मोबाइल कॉलर ट्यून में अमिताभ बच्चन सभी को कोरोना संक्रमण के प्रति आगाह कर रहे हैं. कहते हैं कि जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं. लेकिन ऐसा जान पड़ता है कि अमिताभ बच्चन की ये एडवाइस बिहार चुनाव में अप्लाई नहीं. बिहार में चुनाव प्रचार की रैलियों में सोशल डिस्टेंसिंग रोज ही हवा हो रही है. जोश में सभी होश खो रहे हैं. जबकि बिहार के हालात को देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से गठित वैज्ञानिकों की नेशनल सुपरमॉडल कमेटी ने चेतावनी जारी की है. इस कमेटी ने कहा कि बिहार चुनाव में कोविड-19 प्रोटोकॉल की अनदेखी कोरोना विस्फोट का कारण बन सकती है.
दुर्गापूजा के लिए भी चेतावनी
कोरोना संक्रमण पर नजर रखने वाली इस नेशनल सुपरमॉडल कमेटी ने बिहार चुनाव के साथ ही पश्चिम बंगाल के दुर्गापूजा को लेकर भी चेतावनी जारी की है. कमेटी ने अपनी ताजा रिपोर्ट में साफ शब्दों में कहा है कि बिहार में चुनाव और बंगाल में दुर्गापूजा के दौरान सुरक्षा उपायों की अनदेखी से संक्रमति मरीजों की संख्या असामान्य रूप से बढ़ सकती है. कमेटी के टास्क फोर्स चीफ वीके पॉल कहते हैं कि यदि चुनाव में संक्रमण बढ़ता है तो देश में फरवरी तक कोरोना की दूसरी लहर का सामना करना पड़ेगा.
सर्दियों के लिए खास एलर्ट
जिस नेशनल सुपरमॉडल कमेटी ने बिहार चुनाव को लेकर चिंता जताई है, उसमें आईआईटी कानपुर, आईआईटी हैदराबार सहित देश के कई शीर्ष साइंस और मेडिकल संस्थाओं के वैज्ञानिक शामिल हैं. इस कमेटी ने भारत में शुरू हो रही सर्दियों के लिए खास तौर से एलर्ट किया है. ये भी माना है कि सबकुछ नियंत्रण में रहा तो सर्दियों का मौसम खत्म होने के साथ संक्रमण कम होगा. लेकिन लापरवाही और उदासीनता से ठंड में कोरोना की दूसरी लहर आ सकती है.
सितंबर में आ चुका है पीक
कमेटी की रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में सितंबर में कोरोना का एक पीक आ चुका है. सर्दियों में इसके रिपीट करने की संभावना है. हालांकि ठंड बढ़ने के साथ बढ़ रहा वायु प्रदूषण संक्रमित मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. कमेटी का मानना है कि यदि लॉकडाउन न लगता तो जून में कोरोना का पीक आता और उस वक्त 1.4 करोड़ से ज्यादा केसेस सामने आते है. उस हिसाब से फरवरी 2021 तक संक्रमितों की संख्या 2.4 करोड़ पहुंचती और अगस्त तक 25 लाख मौतें हो चुकी होतीं.
चुनाव आयोग हुआ सख्त
इधर, बिहार चुनाव की रैली और सभाओं में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ने के मामलों को चुनाव आयोग ने गंभीरता से लिया है. आयोग ने कहा है कि हमारे पास ऐसी जनसभाओं की खबरें आई हैं, जहां बड़ी संख्या में भीड़ इकठ्ठा कर सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन किया गया था और राजनेता और चुनाव प्रचारक बिना मास्क के चुनाव आयोग के निर्देशों को अनसुना करते दिखे. ऐसा करने से राजनीतिक पार्टियां और उम्मीदवार न सिर्फ़ चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर रहे थे, बल्कि महामारी के दौर में रैली में आने वाले सभी लोगों के साथ खुद को भी संक्रमण के हवाले कर रहे थे.
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