बिहार में एनडीए को बहुमत मिल गई है और महागठबंधन 12 सीटों से चूक गई है. एनडीए को 125 तो महागठबंधन को 110 सीटें मिली हैं. महागठबंधन के घटक दल में से एक कांग्रेस अब हार की समीक्षा करेगी. कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व ने कहा कि हम परिणाम से खुश नहीं हैं.
बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा कि कांग्रेस का स्ट्राइक रेट कम है और हम उससे खुश नहीं हैं, ये समीक्षा का विषय है, लेकिन हमने महागठबंधन में अपनी करीब एक दर्जन सीटें छोड़ दीं, जहां पिछली बार हमारी जीत हुई थी. वहीं, कांग्रेस नेता अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि अगर नीतीश कुमार में थोड़ी भी नैतिकता बची है तो उन्हें एनडीए से अलग हो जाना चाहिए.
कांग्रेस के एमएलसी प्रेम चंद्र मिश्रा ने कहा कि बिहार की जनता ने नीतीश कुमार को नकार दिया है, उनके करीब आधे मौजूदा विधायक हारे हैं, बिहार में एक अस्थिर सरकार देने की कोशिश की जा रही है.
गौरतलब है कि महागठबंधन 110 सीटें ही जीत सका. महागठबंधन का नेतृत्व करने वाली आरजेडी को 75 सीटों पर जीत मिली. आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. महागठबंधन की घटक कांग्रेस के उम्मीदवार 19 सीटों पर जीत सके, जबकि कम्युनिस्ट पार्टियों ने 16 सीटें जीतीं.
वहीं, एनडीए के घटक दलों में नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) को 43 सीटों पर जीत मिली है. वहीं, 74 सीटों पर जेडीयू की गठबंधन सहयोगी बीजेपी के उम्मीदवार विजयी रहे हैं. एनडीए के अन्य घटक हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) को चार और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को चार सीटों पर विजयश्री मिली है.