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बिहार चुनाव: एनडीए और महागठबंधन में कांटे की टक्कर, किसका कितना स्ट्राइक रेट

तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन को बढ़त मिलती दिख रही है. वहीं, नीतीश कुमार के नेतृत्व वाला एनडीए पीछे चल रहा है. हालांकि, महागठबंधन और एनडीए के बीच बहुत ज्यादा सीटों का अंतर नहीं है. बिहार में भले ही आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर रही है, लेकिन बीजेपी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनती दिख रही है. वहीं, एनडीए से अलग होकर अकेले चुनाव में उतरी एलजेपी ने जेडीयू को अच्छा खासा नुकसान किया है. 

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तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार
तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बिहार में आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है
  • बिहार में बीजेपी दूसरे नंबर की पार्टी बनती दिख रही
  • छोटे दलों भी अच्छी खासी सीटें मिलने की संभावना

बिहार विधानसभा चुनाव की मतगणना जारी है और शुरूआती रुझानों में महागठबंधन और एनडीए के बीच कड़ा मुकाबला नजर आ रहा है. हालांकि, महागठबंधन और एनडीए के बीच बहुत ज्यादा सीटों का अंतर नहीं है. बिहार में भले ही आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर रही है, लेकिन बीजेपी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनती दिख रही है. वहीं, एनडीए से अलग होकर अकेले चुनाव में उतरी एलजेपी ने जेडीयू को अच्छा खासा नुकसान किया है. 

बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी ने 144 पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से 72 उम्मीदवार आगे चल रहे हैं. इसका मतलब है कि आरजेडी का स्ट्राइक रेट करीब 70 फीसदी है. 2015 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी ने 101 सीटों पर चुनाव लड़कर 81 सीटों जीतने में कामयाब रही थी. 

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वहीं, महागठबंधन की सहयोगी कांग्रेस ने 70 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे. उसमें 29 सीटों पर बढ़त मिलती दिख रही है. इस तरह से कांग्रेस का बिहार में स्ट्राइक रेट 50 फीसदी के करीब आने की संभावना है. 2015 के चुनाव के आंकड़े देखें तो कांग्रेस 41 सीटों में से 27 सीटें जीतने में कामयाब रही थी. 

महागठबंधन में शामिल वामपंथी दल दोबारा से मजबूत होते नजर आ रहे हैं. बिहार में वामपंथी दलों ने 29 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से 14 सीटों पर आगे चल रही है. 

सीपीआई (माले) बिहार की 16 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारी थी. इस तरह से सीपीआई (माले) का स्ट्राइक रेट 95 फीसदी से ज्यादा रहने की संभावना है. सीपीआई ने 6 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे. उसे 2 सीटें मिलती दिख रही हैं. सीपीआई का स्ट्राइक रेट करीब 35 फीसदी है. सीपीआई (एम) ने चार सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से 2 सीटों पर उसे जीत मिल रही है. इस तरह से सीपीएम का 50 फीसदी स्ट्राइक रेट है. 

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बीजेपी का स्ट्राइक रेट

बिहार में बीजेपी 110 सीटों पर चुनाव लड़ रही. उसे 62 सीटों पर आगे चल रही हैं. इस लिहाज से बीजेपी का स्ट्राइक रेट करीब 55 फीसदी है. 2015 में बीजेपी ने 157 सीटों में से 53 सीटों पर जीत दर्ज की थी. हालांकि, पिछले चुनाव में बीजेपी और जेडीयू अलग-अलग चुनाव लड़ी थी, जबकि इस बार दोनों एक साथ मैदान में थे. 

नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जेडीयू ने बिहार में 115 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से उसे 37 सीटों पर आगे चल रही है. इस लिहाज से जेडीयू का स्ट्राइक रेट करीब 35 फीसदी है. 2015 में जेडीयू 101 सीटों पर चुनाव लड़कर 71 सीटें जीतने में कामयाब रही थी.

वहीं, वीआईपी पार्टी ने 11 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से उसे 5 सीटों पर आगे चल रही हैं. ऐसे ही जीतनराम मांझी की पार्टी HAM ने सात सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से 2 सीटों पर बढ़त मिल रही है. इस तरह से मांझी की पार्टी का 40 फीसदी का स्ट्राइक रेट है. 

वहीं, एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ने वाली एलजेपी ने बिहार की 135 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से वो  5 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है  इसके अलावा जीडीएसएफ को 5 सीटें मिल रही हैं. वहीं, अन्य को 5 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. 

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